मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना: किसानों के लिए 5 लाख तक की सहायता
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई "मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना" के तहत पंजीकृत किसान और भूमिहीन बटाईदार किसानों को दुर्घटना की स्थिति में 5 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। जानें पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और ज़रूरी दस्तावेज।

कृषक दुर्घटना कल्याण योजना Krishak Durghatna Kalyan Yojana
इस योजना के अन्तर्गत किसान की परिभाषा का विस्तार करते हुए खतौनी में पंजीकृत खातेदार/सह खातेदार के साथ-साथ उनके परिवार के ऐसे कमाऊ सदस्य जिनकी आजीविका का मुख्य स्रोत खातेदार/सह खातेदार के नाम पर पंजीकृत भूमि से कृषि आय है तथा ऐसे भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे या बटाई पर प्राप्त भूमि पर कृषि कार्य करते हैं तथा जिनकी आजीविका का मुख्य साधन पट्टे या बटाई पर ली गई भूमि पर कृषि है, को भी शामिल किया गया है।
लाभ
इस योजना में उत्तर प्रदेश सरकार दुर्घटना के शिकार किसानों को निम्नलिखित धनराशि/वित्तीय सहायता या मुआवजा राशि प्रदान करेगी –
· किसान के दोनों हाथ और पैर खोने पर मुआवजा – 5 लाख रुपये।
· 1 हाथ और 1 पैर खोने पर – 5 लाख रुपये।
· एक पैर और एक हाथ की विकलांगता पर – 2 से 3 लाख तक की आर्थिक सहायता।
· 25% से अधिक लेकिन 50% से कम विकलांगता की स्थिति में 1 से 2 लाख रुपए तक की सहायता दी जाएगी।
· दुर्घटना में आंख खोने पर 5 लाख रुपए तक की सहायता दी जाएगी।
· दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर 5 लाख रुपए तक की मुआवजा राशि दी जाएगी।
महत्वपूर्ण बिंदु:
1. योजना के तहत लाभ मुआवजा पाने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा।
2. योजना के तहत सरकार इन दुर्घटनाओं के पीड़ितों को लाभ प्रदान करेगी- पेड़ गिरने से क्षति और/या मृत्यु होने पर, भूस्खलन के कारण, यात्रा दुर्घटना, बिजली गिरने, बाढ़ में बह जाने पर, जानवर के काटने से, बिजली के झटके से, आग में जलना, मकान गिरना, आतंकवादी हमला, लड़ाई में, दुर्घटना, चैंबर में गिरना, डकैती में हत्या
3. 14 सितंबर 2019 के बाद दुर्घटना के शिकार हुए किसानों के परिवार भी योजना का लाभ पा सकते हैं।
4. आवेदक किसान की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
5. दुर्घटना में आवेदक किसान की मृत्यु के बाद उसके परिवार के माता-पिता, पत्नी, पुत्रवधू, पुत्र, पुत्री, पौत्र और पौत्री को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
6. प्रदेश के वे किसान जिनके पास अपनी कृषि भूमि नहीं है और वे बटाई या किराए पर खेती का कार्य करते हैं।
7. यूपी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ 60 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता से पीड़ित किसान को दिया जाएगा।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
1. आवेदकों को योजना की आधिकारिक वेबसाइट ई-डिस्ट्रिक्ट (https://edistrict.up.gov.in/edistrictup/ ) पर जाना होगा।
2. होम पेज पर रजिस्टर्ड यूजर लॉगिन सेक्शन में जाएं।
3. अब किसानों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
4. जो पहले से रजिस्टर्ड नहीं हैं, उन्हें न्यू यूजर रजिस्ट्रेशन के विकल्प पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन पूरा करना होगा।
5. अब लॉगिन करके कृषि विभाग के सेवा अनुभाग में माननीय मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना के आवेदन पत्र पर क्लिक करें।
6. अगले पेज पर योजना से संबंधित आवेदन पत्र खुलेगा।
7. इसमें पूछी गई सभी जानकारी भरें।
8. जैसे- दुर्घटना पीड़ित का विवरण, दावेदार का पता और व्यवसाय, दुर्घटना का विवरण आदि।
9. साथ ही सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
10. अंत में आवेदन पत्र सबमिट करें।
ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
1. सबसे पहले किसान या उसके परिवार के सदस्यों को दुर्घटना के 45 दिनों के अंदर जिला कलेक्टर कार्यालय में आवेदन पत्र में दुर्घटना की सारी जानकारी देनी होगी।
2. इसके बाद आवेदन को तहसील में जमा करना होगा, इस दौरान अधिकारियों द्वारा सभी विवरणों की जांच की जाएगी।
3. सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदक किसान को इस योजना के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज
1. खतौनी की सत्यापित प्रति, अथवा
पंजीकृत निजी पट्टेदार के लिए पंजीकृत पट्टे की सत्यापित प्रति
बटाईदार के लिए निम्न में से कोई एक प्रमाण पत्र:-
(i)- भूमि स्वामी या उसके उत्तराधिकारी/कानूनी उत्तराधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र लिया जाएगा कि फसल वर्ष में दुर्घटना में मृत या विकलांग हुए व्यक्ति द्वारा उसकी भूमि पर कृषि कार्य किया गया है। या
(ii)- यदि भूमि स्वामी उपलब्ध न हो तो ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अपने हस्ताक्षर एवं मुहर सहित प्रमाण पत्र दिया जाता है कि उक्त प्रभावित व्यक्ति भूमि स्वामी की भूमि पर बटाईदार था।
2. आयु प्रमाण पत्र।
3. पता प्रमाण पत्र।
4. परिवार के सदस्यों का विवरण।
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