भारत-कनाडा तनाव के बीच G7 सम्मेलन में पहुंचे पीएम मोदी, ट्रंप से नहीं होगी मुलाकात
भारत-कनाडा तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी कनाडा के अल्बर्टा में आयोजित 51वें G7 सम्मेलन में शामिल हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही रवाना हो गए, जिससे दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो सकेगी। जानिए इस दौरे की अहमियत और पृष्ठभूमि।

कनाडा में 51वें जी-7 सम्मेलन का आगाज हो चुका है। में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंच चुके हैं। अल्बर्टा के कनाकास्किस में आयोजित हुए जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह कांडा पहुंचे। कनाडा के कैलगरी पहुंचे पीएम मोदी इसके बाद जी –7 में शामिल होने के लिए कनाकास्किस रवाना हुए। पीएम मोदी का ये कनाडा दौरा कई मायनों में खास है।
कनाडा पीएम ने भेजा बुलावा
इस बार जी –7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कनाडा कर रहा है। भारत और कनाडा के बीच बढ़े तनाव को देखते हुए ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि शायद इस बार भारत को सम्मेलन से न्योता ना मिले। तमाम अटकलों के बीच बीते दिनों कनाडाई पीएम मार्क कार्नी की तरफ से भारत को जी-7 सम्मेलन के लिए आधिकारिक निमंत्रण भेजा गया। बताते चलें कि यह लगातार छठी बार है जब पीएम मोदी जी-7 समिट का हिस्सा बनने जा रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से नहीं मिलेंगे पीएम मोदी
16–17 जून के दो दिवसीय सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हुए थे। हालांकि दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप बीच में ही वापस अपने देश रवाना हो गए। पीएम मोदी आज सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजन में शामिल होने पहुंचे हैं। ऐसे में पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात इस समिट में नहीं हो पाएगी। राष्ट्रपति ट्रंप की वापसी पर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने जानकारी देते हुए कहा-
“राष्ट्रपति ट्रंप ने जी-7 सम्मेलन में यूके के पीएम कीर स्टार्मर से मुलाकात कर प्रमुख व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किया। हालांकि , मिडिल-ईस्ट की स्थिति के कारण राष्ट्रपति ट्रंप राष्ट्रध्यक्षों के साथ डिनर नहीं कर पाए।”
खास है पीएम मोदी का कनाडा दौरा
भारत और कनाडा के बीच बीते कुछ समय से चल रहे तनाव से ना केवल दोनों देश बल्कि पूरा विश्व परिचित है। तनाव के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये पहला कनाडा दौरा है। दौरे की घोषणा के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में खालिस्तानी समर्थकों ने कई धमकियां दी थीं। आपको बता दें कि साल 2023 में कनाडा के गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह पुरी की अचानक हत्या हो गई थी। इस हत्या में कनाडा की तरफ से भारतीय एजेंट के शामिल होने का दावा किया गया था। इस घटना के बाद से ही भारत की राजधानी नई दिल्ली और कनाडा की राजधानी ओटावा के रिश्तों में खटास दिखनी शुरू हो गई थी।भारत के साथ रिश्ते खराब करने में तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
जी –7 में शामिल देश
इस साल जी–7 शिखर सम्मेलन का आयोजन कनाडा ने किया है। ये सम्मेलन का 51वाँ आयोजन है। इस सम्मेलन में फ्रांस, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, जापान और इटली के प्रमुख हिस्सा
लेते हैं।
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