राजस्थान के शिक्षा मंत्री को रिश्वत देने पहुंचा शिक्षक, मंत्री ने किया चौंकाने वाला खुलासा
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को रिश्वत देने पहुंचे एक शिक्षक ने मचा दी सियासी हलचल। ₹5000 कैश और एप्लीकेशन के साथ पहुंचा शिक्षक, मंत्री ने खुद पुलिस को बुलाकर सौंपी रिश्वत की रकम। जानिए पूरी कहानी।

राजस्थान की रियल घटना जिसने मचा दी सियासी हलचल! एक शिक्षक ने मंत्री को देने की कोशिश की रिश्वत और फिर जो हुआ…
आजकल OTT नहीं, रियल लाइफ की घटनाएं ही सस्पेंस और थ्रिलर से भरपूर होती हैं। राजनीति और सिस्टम से जुड़े कई किस्से अकसर खबरों में आते हैं, लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो सबको चौंका देती हैं। राजस्थान से आई ऐसी ही एक कहानी ने इन दिनों सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक में हलचल मचा दी है।
शिक्षा मंत्री को रिश्वत देने पहुंचा शिक्षक, लेकिन मिल गया तगड़ा झटका!
बात है राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की, जहां गवर्नमेंट हायर प्राइमरी स्कूल बुधा में पढ़ाने वाला एक शिक्षक एक खास एजुकेशनल राइटिंग प्रोग्राम का हिस्सा बनना चाहता था। इसके लिए वो सीधे पहुंच गया राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के पास। लेकिन जो होना था, वो उसने भी नहीं सोचा था!
सूत्रों की मानें तो शिक्षक ने मंत्री के सामने न सिर्फ एक फाइल और एप्लीकेशन रखी, बल्कि साथ ही ₹5000 की नकदी वाला लिफाफा भी थमा दिया। दरअसल, ये राइटिंग प्रोग्राम राजस्थान स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (RSCERT) के तहत चलता है और उसमें शामिल होना एक बड़ा मौका माना जाता है।
मंत्री ने खुद की इमेज बचाई, पुलिस को बुलाया और रिश्वत का लिफाफा सौंपा
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस पूरे घटनाक्रम पर जो स्टेटमेंट दिया, वो भी काफी चर्चा में है। उन्होंने कहा:
“मैं 36 साल से राजनीति में हूं, और तीसरी बार मंत्री बना हूं। लेकिन ये पहली बार है जब किसी ने मुझे रिश्वत देने की कोशिश की है। शायद उसने सोचा होगा कि मंत्री पैसे लेकर ही काम करते हैं। आज भी सिस्टम को लेकर लोगों की यही सोच है।”
मंत्री ने खुद पुलिस को कॉल किया, लिफाफा सौंपा और मामले की पूरी जानकारी दी। उन्होंने आगे कहा कि यह समझ नहीं आ रहा कि उन्हें फंसाने की कोई साजिश थी या फिर वाकई में शिक्षक ने रिश्वत देने की मंशा से ऐसा किया।
कैसे हुआ खुलासा?
मदन दिलावर के मुताबिक, जब वो व्यक्ति उनके कमरे से बाहर निकला, तब उनके फोटोग्राफर ने उन्हें बताया कि उस लिफाफे में ₹5000 की नकदी है। इसके बाद मंत्री ने तुरंत एक्शन लेते हुए पुलिस को बुलाया और पूरा मामला दर्ज कराया।
क्या सिर्फ एक गलती, या बड़ी साजिश?
अब सवाल उठ रहे हैं — क्या ये एक मासूम सी गलती थी या कोई सोची-समझी साजिश? क्या शिक्षक को किसी ने उकसाया था, या वो खुद इतनी बड़ी भूल कर बैठा? पुलिस अब इस ऐंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं ये किसी पॉलिटिकल चाल का हिस्सा तो नहीं?