बिहार चुनाव 2025: मतदाता सूची से 35.6 लाख नाम हटने की संभावना, विदेशी नागरिकों की भी पहचान
बिहार में चुनावी प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची की गहन समीक्षा के दौरान 35.6 लाख मतदाताओं को बाहर किए जाने की संभावना है। इनमें मृत, पलायन करने वाले, दोहरे पंजीकरण और विदेशी नागरिक शामिल हैं। चुनाव आयोग 17 जुलाई से नाम साझा करेगा, अंतिम तिथि 25 जुलाई तय।

बिहार में चुनावी बिगुल बजने के साथ ही मतदाता सूची को लेकर बवाल मचा हुआ है। बिहार में चुनाव आयोग द्वारा SIR की घोषणा के बाद सारे मतदाता चुनाव आयोग के निशाने पर हैं। विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत चुनाव आयोग ने कई नाम ऐसे निकाले हैं जो सूची में हैं लेकिन भारत के नागरिक नहीं है। चुनाव आयोग द्वारा गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई तय की गई है। इससे पहले भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने खुलासा किया है कि लगभग 35.6 लाख मतदाताओं को अंतिम सूची से बाहर रखा जा सकता है. तीन दौर के क्षेत्रीय सत्यापन के बावजूद, चुनाव आयोग ने बताया कि 4.5% मतदाता यानी 35.69 लाख मतदाता अपने पंजीकृत पतों पर नहीं पाए गए. इनमें से 12.5 लाख मृत पाए गए, 17.5 लाख स्थायी रूप से पलायन कर गए और 5.5 लाख मतदाता कई जगहों पर पंजीकृत हैं, जिससे दोहराव और अयोग्यता की चिंताएं बढ़ गई हैं.
54 लाख मतदाताओं ने अभी तक अपने फॉर्म जमा नहीं किए
बिहार में चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद बड़ी उथल पुथल देखी जा रही है। इस प्रक्रिया की शुरुआत से ही चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की गहन जांच आरम्भ कर दी थी। इस क्रम में चुनाव आयोग को अब तक 88.6% गणना फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं, लेकिन बिहार के कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 54 लाख मतदाताओं ने अभी तक अपने फॉर्म जमा नहीं किए हैं. वर्तमान में, केवल 6.85% मतदाता ही प्रक्रिया पूरी करने के लिए शेष हैं, और आयोग ने उनसे अनुरोध किया है कि वे समय सीमा तक ऐसा कर लें ताकि वे इस प्रक्रिया से वंचित न रह जाएं.
जल्द साझा होगा ब्यौरा
चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि “वह 17 जुलाई से 35.6 लाख मतदाताओं के नाम और विवरण मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा करना शुरू कर देगा. इस कदम से राजनीतिक दलों को 'नहीं मिले' के रूप में चिह्नित मतदाताओं की सूची की जांच करने और किसी भी नाम को आधिकारिक रूप से मतदाता सूची से हटाए जाने से पहले उनकी स्थिति सत्यापित करने में मदद मिलेगी.”
सामने आई विदेशी नागरिकों की लिस्ट
एसआईआर प्रक्रिया के दौरान, बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) ने नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश के उन विदेशी नागरिकों की भी पहचान की, जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज था. चुनाव आयोग ने कहा कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा दस्तावेज सत्यापन के बाद इन नामों को हटा दिया जाएगा.
हालांकि, प्रभावित लोगों को नागरिकता और पात्रता का वैध प्रमाण प्रस्तुत करके पहले जिला कलेक्टर (डीसी) और फिर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के समक्ष अपील करने का अधिकार है. अभी तक चुनाव आयोग ने बिहार में पाए गए विदेशी नागरिकों की सही संख्या साझा नहीं की है.