मिडिल ईस्ट में बढ़ता युद्ध: इजरायल-ईरान तनाव पर राष्ट्रपति ट्रम्प की बड़ी टिप्पणी

मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते हवाई हमलों से वैश्विक तनाव गहराता जा रहा है। जी7 समिट के बीच राष्ट्रपति ट्रम्प का युद्ध समाप्त करने का बयान सबका ध्यान खींच रहा है। क्या यह संघर्ष परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहा है?

Jun 17, 2025 - 17:58
मिडिल ईस्ट में बढ़ता युद्ध: इजरायल-ईरान तनाव पर राष्ट्रपति ट्रम्प की बड़ी टिप्पणी
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मिडिल ईस्ट में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते हवाई हमलों से ना केवल ये दोनों देश बल्कि पूरा विश्व प्रभावित हो रहा है. दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की आंच कनाडा में चल रहे जी7 समिट तक आ पहुंची है. इतना ही नहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मलेन के बीच से ही वापस लौट गए. इसकी वजह मिडिल ईस्ट में चल रहे तनाव को बताया गया. इन सभी चर्चाओं के बीच अब राष्ट्रपति ट्रम्प का एक बयान फिर से सबके होश उड़ा रहा है. दरअसल ट्रम्प ने ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर नहीं बल्कि युद्ध के खात्मे की बात कह दी है. 

युद्ध का खात्मा चाहते हैं राष्ट्रपति ट्रम्प 
मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव किसी से छिपा नहीं है. हर देश लिस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है. साथ ही दोनों देशों से विश्व में शांति बनाये रखने की अपील भी लगातार जारी है. इजरायल का समर्थन करने वाले अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि, "अमेरिका को ईरान-इजरायल के बीच सिर्फ युद्धविराम नहीं चाहिए. बल्कि इस संघर्ष का एक ऐसा अंत चाहता है तो स्‍थायी और वास्‍तव‍िक हो." इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए ट्रंप ने लिखा कि, "उन्‍होंने ईरान से शांति समझौते के लिए कोई भी संपर्क नहीं किया है, लेकिन उसे उस समझौते को स्वीकार कर लेना चाहिए था जो उसके सामने पेश किया गया था." राष्ट्रपति ट्रंप का बयान ऐसे वक्‍त में आया है, जब दोनों देश एक दूसरे को ख़त्म करने पर आमादा हो चुके हैं. आपको बता दें की दोपनों देशों की और से जारी भीषण हमलों में पहले ही कई नागरिक अपनीओ जान गँवा चुके हैं.  

मिडिल ईस्ट में क्यों बढ़ा तनाव?
ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग नयी नहीं है. हमास के विरोध में फिलिस्तीन के गाजा से शुरू हुई ये जंग अब इजरायल बनाम ईरान पर आ गयी है. अक्टूबर 2023 में गाजा पर इजरायल के सैन्य हमले की शुरुआत के साथ ही इस जंग की शुरुआत हो गयी थी. तबसे ही उस क्षेत्र (मिडिल ईस्ट) को लेकर चिंता बढ़ गयी थी. इजरायल-ईरान के बीच युद्ध की शुरुआत तब हुई जब इजरायल ने ईरान पर हवाई हमला शुरू किया. बदले में ईरान ने भी 'टू प्रॉमिस थ्री' के नाम से जवाबी कार्रवाई की और युद्ध की घोषणा कर दी. ईरानी अधिकारियों की मानें तो अब तक 220 से अधिक लोगों की मौत इन हमलों में जा चुकी है, जिनमें ज्यादातर नागरिक हैं. इजरायल ने अभी तक अपने देश के 24 नागरिकों के मरने की सूचना दी है. दोनों देशों की तरफ से हो रहे हमलों में तेल अवीव, हाइफा और तेहरान शहरों को अभी तक सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. 

क्या छिड़ेगा परमाणु युद्ध?
दोनों देशों के बीच बढ़ते युद्ध ने परमाणु हमले की अटकलें भी तेज़ कर दीं हैं. बीते कई समय से सभी देश ईरान को परमाणु हथियार ना बनाने देने की कोशिश में लगे हुए हैं. हालांकि ईरान की तरफ से बार-बार कहा गया है कि वह न परमाणु हथियार बना रहा है और न ही उसकी कोई ऐसी इच्छा है. वहीँ अमेरिका की तरफ से भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जा रहा है. वाशिंगटन ने कहा कि ट्रंप अभी भी ईरान के साथ परमाणु समझौते का लक्ष्य बना रहे हैं.


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