Loksabha Election 2024 : सारण का रण, किसका पूरा होगा जीत का प्रण ?
सारण, लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की सबसे चर्चित सीट है। बिहार की सारण सीट पर सभी की नजरें है। यहां पर 5वें चरण यानी 20 मई को चुनाव होंगे। सत्ताधारी NDA गठबंधन ने सारण से मौजूदा सांसद राजीव प्रताप रूडी पर एक बार फिर से भरोसा जताया है।
पटना : सारण, लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की सबसे चर्चित सीट है। बिहार की सारण सीट पर सभी की नजरें है। यहां पर 5वें चरण यानी 20 मई को चुनाव होंगे। सत्ताधारी NDA गठबंधन ने सारण से मौजूदा सांसद राजीव प्रताप रूडी पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। वहीं, विपक्षी गठबंधन ने लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य पर भरोसा जताया है...लेकिन क्या रोहिणी आचार्य पिता के गढ़ पर विजयरथ चला पाएंगी? या फिर मौजूदा सांसद अपनी जीत की हैट्रिक लगाएंगे। आज हम बात इसी सीट पर बात करेंगे, उसका राजनीतिक इतिहास और साथ ही क्या है सारण सीट का समीकरण? ये भी जानेंगे...
पहले छपरा था सारण लोकसभा सीट का नाम
सारण सीट पहले छपरा लोकसभा सीट के नाम से जानी जाती थी। सारण को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा घोटाला मामले में सज़ा काट रहे लालू प्रसाद यादव का गढ़ माना जाता है। लालू प्रसाद यादव सारण से 4 बार के सांसद भी रह चुके है। NDA की तरफ से सारण के प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी को भी लालू प्रसाद यादव हरा चुके है। लेकिन लालू यादव के जेल जाने के बाद से रूडी यहां पर लगातार काबिज रहे। साल 1967 से 1977 तक सारण सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। लेकिन साल 1977 में पहली बार लालू प्रसाद यादव सारण सीट से लोकसभा चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे। लालू यादव ने भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उसके बाद 1989, 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में भी लालू यादव ने सारण सीट से चुनाव जीता। वहीं राजीव प्रताप रूडी ने साल 1996, 1999, 2014 और साल 2019 में सारण सीट पर जीत दर्ज की।
रूडी ने लालू की पत्नी और समधी को हराया
साल 2014 में जब लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में फंसे थे, उस वक्त सारण सीट से लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने इस सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन रूडी ने राबड़ी देवी को शिकस्त दे दी । साल 2019 में राजद ने लालू यादव के समधी चंद्रिका राय को टिकट दिया। लेकिन राजीव प्रताप रूडी एक बार फिर से विजयी हुए।
सारण सीट का जातीय समीकरण
बिहार की 40 लोकसभा सीट में से सारण सीट काफी महत्तवपूर्ण लोकसभा सीट मानी जाती है। चलिएं अब एक बार सारण लोकसभा सीट का जातीय समीकरण भी जान लेते है। दरअसल इस सीट पर लालू यादव का M-Y समीकरण रहा है। मुस्लिम और यादव के साथ साथ SC-ST, OBC और अन्य पिछड़ा जाती है..वहीं फॉरवर्ड जाति की बात करें तो राजपूत और बनिया, भूमिहार, ब्राह्मण, कायस्थ और अन्य जाति है। सारण सीट पर चुनावी लड़ाई यादव और राजपूतों के ऊपर है। वहीं वैश्य समुदाय का 20 प्रतिशत वोट निर्णायक भूमिका निभाती है।
रोहिणी को मिलेगी सहानुभूति ?
माना जा रहा है कि लालू को किडनी देने वाली रोहिणी आचार्य को जनता की सहानुभूति मिल सकती है। लोगों का कहना है कि रोहिणी आचार्य ने अपनी एक किडनी देकर लालू प्रसाद यादव की जान बचाई है। रोहिणी भी खुलकर इस चीज का इस्तेमाल करते हुए नजर आती है। रोहिणी का कहना है कि पिता को किडनी दी थी, लेकिन सारण की जनता के लिए जान के लिए जान भी हाजिर हैं। रोहिणी को जनता का प्यार भी मिल रहा है। रोहिणी की रैलियों में बड़ी संख्या में लोग उनका समर्थन करने पहुंचे। लेकिन रोहिणी के लिए ये आसान जीत तो कतई नहीं होने वाली है। क्योंकि उनका सामना 4 बार सारण सीट से सांसद रहे, राजीव प्रताप रूडी से है।
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