भारत सरकार ने रोजगार और खेल नीति में लिए ऐतिहासिक फैसले, युवाओं को मिलेगा सीधा लाभ
भारत सरकार ने 1.07 लाख करोड़ रुपये की रोजगार प्रोत्साहन योजना और राष्ट्रीय खेल नीति 2025 को मंजूरी दी। इस कदम से देशभर में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन और खेल क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान को बढ़ावा मिलेगा।

भारत सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने मंगलवार को 1.07 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है. इस योजना से युवाओं को विशेष लाभ मिलने की संभावनाएं बढ़ी हैं. इस योजना का उद्देश्य रोजगार से जुड़े सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता में वृद्धि और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है. इस योजना के तहत विनिर्माण क्षेत्र पर खास तौर पर ध्यान दिया जायेगा.
राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025 को मिली मंजूरी
इस मीटिंग में और भी कई अहम् फैसले लिए गए. कैबिनेट मीटिंग में ऐतिहासिक रूप से राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025 को मंजूरी दे दी गयी है. ये एक ऐसी पहल है जिसका उद्देश्य खेल के क्षेत्र को एक नया आयाम देना और देश में खेलों को बढ़ावा देते हुए नागरिकों सशक्त बनाना है. पहले देश में 'राष्ट्रीय खेल नीति 2001' लागू थी जिसे राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025 से स्थानांतरित कर दिया गया है. इस योजना के जरिये भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा उठाना और भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करना है. इस योजना की पहल 2036 ओलंपिक खेलों को ध्यान में रखते हुए भी की गयी है. इस योजना को लागू करने के साथ ही आने वाले समय में भारतीय खिलाड़ियों को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख दावेदार के रूप में प्रस्तुत किया जायेगा. इस योजना के तहत अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए रणनीतिक रोडमैप की रूपरेखा तैयार करना मुख्य उद्देश्य है.
परमाकुडी-रामनाथपुरम खंड के 4-लेन निर्माण को मंजू़री
इस कैबिनेट मीटिंग में कई वादे फैसलों पर मंथन हुआ. इसी के साथ तमिलनाडु की बड़ी विकास परियोजना को भी मंजूरी दे दी गयी. मंत्रिमंडल बैठक के दौरान तमिलनाडु में परमाकुडी-रामनाथपुरम खंड के 4-लेन निर्माण को मंजू़री दी गयी। तमिलनाडु के लिए प्रस्तावित परमाकुडी-रामनाथपुरम खंड की कुल लंबाई 46.7 किमी है. इस परियोजना की लागत 1,853 करोड़ रुपये है. ये परियोजना तमिलनाडु के लिए विशेष रूप से जरूरी है. ये योजना दक्षिणी तमिलनाडु के प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक्स नोड्स को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस योजना का उद्देश्य दो साल में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहन देना है. इसके अलावा यह योजना पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भी प्रोत्साहन देगी."
उन्होंने आगे बताया कि, "पहली बार नौकरी करने वाले अतिरिक्त कर्मचारियों पर दो साल तक 3,000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन दिया जाएगा. नियोक्ताओं को एक लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों के संबंध में प्रोत्साहन दिया जाएगा."