एयर इंडिया विमान हादसा टला: दिल्ली-वियना फ्लाइट उड़ान के बाद 900 फीट नीचे गिरी, पायलट की सूझबूझ से बची जान

दिल्ली से वियना जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 187 टेक-ऑफ के बाद तकनीकी खराबी से 900 फीट नीचे गिर गई। पायलट की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया। DGCA ने मामले की जांच शुरू कर दी है, दोनों पायलट्स ड्यूटी से हटाए गए।

Jul 1, 2025 - 17:09
एयर इंडिया विमान हादसा टला: दिल्ली-वियना फ्लाइट उड़ान के बाद 900 फीट नीचे गिरी, पायलट की सूझबूझ से बची जान
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बीते दिनों एयर इंडिया के विमान के साथ हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. उस खौफनाक मंजर को लोग अभी भूले भी नहीं थे कि आज एक और भयानक विमान हादसा होते-होते टल गया. एयर इंडिया के साथ इन दिनों सब कुछ ठीक थक नहीं चल रहा है. लगभग हर दिन एयर इंडिया के विमान में चल रही तकनीकी खराबी से जुडी ख़बरें सामने आ रही हैं. मिली जानकारी के अनुसार, एयर इंडिया फ्लाइट AI 187 दिल्ली से यात्रियों को लेकर वियना जा रही थी. टेक ऑफ के बाद इस विमान में अचानक तकनीकी कहराबी होने के कारण ये विमान करीब 900 फिट नीचे आ गया. हालाँकि खुशनसीबी रही कि कोई बड़ा हादसा होते-होते बच गया. 

उड़ान भरते ही गिरने लगा प्लेन 
12 जून को अहमदाबाद में हुईं विमान दुर्घटना के जख्म अभी हरे ही थे कि आज एक और दिल दहला देने वाला विमान वीडियो सामने आया है. दिल्ली से वियना जा रहे एयर इंडिया के विमान के साथ एक खतरनाक हादसा होते होते रह गया. दिल्ली के इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 14 जून को एयर इंडिया के बोइंग 777 विमान ने उड़ान भरी. टेक ऑफ के चंद मिनटों बाद ही विमान में हुई तकनीकी खराबी के कारण अचानक विमान नीचे की ओर गिरने लगा.  पायलट को ‘स्टॉल वॉर्निंग' और ‘ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वॉर्निंग सिस्टम' (GPWS) की ‘डोंट सिंक' वॉर्निंग कॉकपिट के अंदर मिलने लगी. इस वार्निंग के चलते पायलट को टेक्निकल प्रॉब्लम का पता लगा एयर वगत रहते विमान को संभाल लिया गया. इस वजह से एक बड़ा विमान हादसा होने से बच गया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.


पायलट की सूझ बूझ से टला हादसा 
एयर इंडिया के बोइंग 777 विमान VT-ALJ ने मंगलवार सुबह 2:56 बजे दिल्ली से उड़ान भरी. उस वक्त दिल्ली में तेज तूफान और खराब मौसम था. उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद विमान करीब 900 फीट तक नीचे आ गया. ऐसा होने से प्लेन में लगा ‘स्टिक शेकर' अलार्म भी एक्टिव हो गया– मतलब कॉकपिट का कंट्रोल कॉलम हिलने लगा. इस अलार्म से पायलट भी अलर्ट हो गया और उसे खतरे का एहसास हो गया. पायलट्स ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए तुरंत विमान को सही ऊंचाई पर लाकर उड़ान जारी रखी. हालांकि, सही समय पर अलार्म देखने और कंट्रोल की वजह से बड़ा हादसा टल गया और इस घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ. इस विमान ने 9 घंटे 8 मिनट की उड़ान के बाद वियना में सुरक्षित लैंडिंग की. वहां से कुछ देर बाद दूसरा क्रू आया और उसे फ्लाइट लेकर टोरंटो के लिए रवाना किया गया. पायलट की समझ से कई यात्रियों की जान बच गयी और यात्री सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुँच सके. 

DGCA ने शुरु की जांच 
एयर इंडिया के विमान के साथ हुई इस घटना ने एक बार फिर डिपार्टमेंट के कान खड़े कर दिए हैं. मिली जानकारी के अनुसार, पायलट ने इस घटना के बाद जो रिपोर्ट पेश की है उसने कई सवाल खड़े किये हैं. अहम बात ये है कि पायलट की तरफ से जो रिपोर्ट दी गई, उसमें सिर्फ यह लिखा गया कि ‘टेक-ऑफ के बाद टर्बुलेंस के कारण स्टिक शेकर एक्टिव हुआ'. बाकी चेतावनियों की कोई जानकारी नहीं दी गई. DGCA ने हादसे की गंभीरता को देखते हुए फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) की जांच की, तब जाकर पता चला कि ‘GPWS डोंट सिंक' और ‘स्टॉल वॉर्निंग' जैसी गंभीर चेतावनियां भी आई थीं.

पायलट्स को ड्यूटी से हटाया गया 
इस मामले में एयर इंडिया के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा, "पायलट की रिपोर्ट मिलने के बाद, नियमों के अनुसार मामले की जानकारी डीजीसीए को दी गई. इसके बाद, विमान के रिकॉर्डर से डेटा प्राप्त होने के बाद, आगे की जांच शुरू की गई. जांच के नतीजे आने तक दोनों पायलट्स को उड़ान ड्यूटी से हटा दिया गया है."


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