हिमंता सरमा ने किया था दावा, राहुल गांधी चीन के संविधान की कॉपी दिखाते हैं, पवन खेड़ा ने दिया जवाब
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के राहुल गांधी के चीन के संविधान की कॉपी वाले बयान पर कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने पत्र लिखकर जवाब दिया है। उन्होंने सीएम सरमा को लिखे पत्र में भारत के संविधान की किताब पढ़ने और हमेशा अपने साथ रखने की भी नसीहत दी।

नई दिल्ली : असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के राहुल गांधी के चीन के संविधान की कॉपी वाले बयान पर कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने पत्र लिखकर जवाब दिया है। उन्होंने सीएम सरमा को लिखे पत्र में भारत के संविधान की किताब पढ़ने और हमेशा अपने साथ रखने की भी नसीहत दी। पवन खेड़ा ने संविधान की पॉकेट बुक भी शेयर की है।
दरअसल, बीते दिनों सीएम सरमा ने दावा किया था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी रैलियों में भारत की बजाए चीन की संविधान की किताब दिखा रहे हैं। उनके इसी बयान पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोमवार को सोशल मीडिया के जरिए उन्हें जवाब दिया है।
पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''भारत के संविधान को लेकर असम के मुख्यमंत्री सरमा की अपमानजनक टिप्पणी को सुनकर मैंने आज उन्हें भारत के संविधान का पॉकेट बुक संस्करण प्रेषित किया। आग्रह भी किया कि वे इसे पढ़ें और सदैव अपने हैंड बैग में रखें।''
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सीएम सरमा को लिखी चिट्ठी भी शेयर करते हुए लिखा, ''आशा है आप स्वस्थ होंगे और चुनाव परिणामों को लेकर जो चिताएं भाजपा के सर्वोच्च नेतृत्व को हो रही है, उनका दुष्प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर नहीं पड़ रहा होगा। आपकी टिप्पणियां सुनकर आपके स्वास्थ्य की चिंता रहती है। क्या करूं, मेरी पार्टी के संस्कार ही कुछ ऐसे हैं कि भले ही अब आप हमारे साथ ना रहे हों, ईश्वर से आपके स्वास्थ्य व लंबी आयु की कामना करता हूं। भारत के संविधान को लेकर आपकी अत्यंत आश्चर्यजनक टिप्पणी सुनकर मन व्यथित तो हुआ ही, भारी चिंता भी हुई। जब संविधान की शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री आदि यूं बाबा साहब अंबेडकर के संविधान की धज्जियां उड़ाएं तो देश पर छाए खतरे के बादल स्पष्ट दिखने लग जाते हैं।''
उन्होंने आगे लिखा, ''आज आपको यह बताना आवश्यक है कि आखिर संविधान है क्या? संविधान समाज के हर व्यक्ति को उसकी सरकारों के तानाशाही रवैये व समाज में एक-दूसरे के अधिकारों में खलल डालने की प्रवृति के विरुद्ध एक ढाल है। भारत का संविधान समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली संविधान सभा ने कड़ी मेहनत से लिखा है। यह 1,46,000 शब्दों का, अथवा 481 पृष्ठों का संकलन मात्र नहीं है, इस संविधान में भारत की आत्मा का निवास है। यह भारत के प्रत्येक नागरिक की आकांक्षाओं, उम्मीदों व आशाओं का संकलन है। हमारे पूर्वजों ने भारत की सांस्कृतिक विरासत एवं हमारी सभ्यता की गौरवमयी यात्रा का निचोड़ इस संविधान में बखूबी ढाल दिया।''
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सेना के साथ हिंसक झड़प का जिक्र करते हुए लिखा, ''चीन से आपके, आपकी पार्टी के व आपके पार्टी नेतृत्व के संबंध किसी से छिपे नहीं हैं। जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2020 को गलवान घाटी में हुई मुठभेड़ के पश्चात हमारे बहादुर सैनिकों के बलिदान का अपमान करते हुए चीन को क्लीन चिट दी, उससे समूचा विश्व आज तक अचंभित है। इतिहास में 19 जून 2020 एक काले दिन की तरह सदैव प्रत्येक भारतवासी को एवं आने वाली पीढ़ियों को चोटिल करता रहेगा। आपने भारत के संविधान को चीन से जोड़कर भारत का, बाबा साहब अंबेडकर का, भारत की संविधान सभा एवं प्रत्येक भारतीय का जो अपमान किया है, वह अक्षम्य है।''
आखिर में उन्होंने खत में सीएम सरमा से आग्रह करते हुए लिखा, ''भारत के संविधान की पॉकेट बुक एडिशन मैं आपको प्रेषित कर रहा हूं। एक आग्रह भी करना चाहता हूं।कृपया इस संस्करण को आप अपने हैंडबैग में हमेशा रखा करें। यही आपको मार्ग दिखाएगा। इस संविधान से आप सीख पाएंगे कि सरकारें बहुसंख्यकवाद, अल्पसंख्यकवाद या व्यक्तिवाद से नहीं चलती, अपितु संविधानवाद से चलती हैं।''
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