"नए जिलों की सख्त जरूरत थी" - भाजपा सरकार की कमेटी गठन पर बोले अशोक गहलोत
राजस्थान सरकार ने पिछले साल बनाए गए 17 नए जिलों और 3 संभागों के गठन की प्रक्रिया को पूर्ण करने के उद्देश्य से एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया है। यह कमेटी नए जिलों के गठन पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने समय में हुए इस निर्णय को प्रदेश के हित में बताया है।
जयपुर: राजस्थान सरकार ने पिछले साल बनाए गए 17 नए जिलों और 3 संभागों के गठन की प्रक्रिया को पूर्ण करने के उद्देश्य से एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया है। यह कमेटी नए जिलों के गठन पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने समय में हुए इस निर्णय को प्रदेश के हित में बताया है। गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, "हमारी सरकार ने राजस्थान में नए जिले रिटायर्ड IAS रामलुभाया की समिति की रिपोर्ट के आधार पर बनाए। राजस्थान में नए जिलों की सख्त आवश्यकता थी।"
उन्होंने आगे लिखा, "क्षेत्रफल में राजस्थान से छोटे मध्य प्रदेश में 55 जिले हैं। छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में भी 33 जिले हैं। हमारी सरकार ने प्रशासनिक क्षमता बढ़ाने एवं सर्विस डिलीवरी को बेहतर करने के लिए नए जिले बनाए और वहां कलेक्टर, एसपी एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों को तैनात किया।"
हमारी सरकार ने राजस्थान में नए जिले रिटायर्ड IAS श्री रामलुभाया की समिति की रिपोर्ट के आधार पर बनाए। राजस्थान में नए जिलों की सख्त आवश्यकता थी। क्षेत्रफल में राजस्थान से छोटे मध्य प्रदेश में 55 जिले हैं। छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में भी 33 जिले हैं। हमारी सरकार ने प्रशासनिक… — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 13, 2024
गहलोत ने कहा कि "राजस्थान की भाजपा सरकार ने मंत्रिमंडलीय उप-समिति बनाकर जिलों का रिव्यू करने का फैसला किया है। अब यह देखना होगा कि यह समिति राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों एवं विकास के हित को देखकर फैसला लेगी या फिर राजनीतिक कारणों से पिछली सरकार के फैसले को गलत साबित करने की मंशा से कार्य करते हुए राजस्थान की जनता के हितों को ताक पर रखेगी।"
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सरकार ने बनाई कमेटी: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने प्रदेश में पिछले साल बनाए गए 17 नए जिलों और 3 संभागों के गठन की प्रक्रिया को पूर्ण करने के उद्देश्य से एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया है। कमेटी इन जिलों और संभागों में प्रशासनिक क्षेत्राधिकार, सुचारू संचालन, प्रशासनिक आवश्यकता, और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के लिए अपनी रिपोर्ट और सुझाव देगी।
प्रेम चंद्र बैरवा संयोजक, चार मंत्री बने सदस्य: नए जिलों की गठन प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए बनाए गए मंत्रिमंडलीय उप-समिति का संयोजक उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को बनाया गया है। जबकि मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मंत्री कन्हैया लाल चौधरी, मंत्री हेमंत मीणा और मंत्री सुरेश सिंह रावत को सदस्य बनाया गया है। समिति का प्रशासनिक विभाग राजस्व विभाग होगा और इसके सदस्य सचिव अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व विभाग होंगे।
अब यह कमेटी नए जिलों के गठन पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी। इस समीक्षा से यह स्पष्ट होगा कि पिछले साल किए गए जिलों और संभागों के गठन से राज्य की प्रशासनिक क्षमता और सर्विस डिलीवरी में कितना सुधार हुआ है। जनता की नजरें अब इस कमेटी की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो आने वाले समय में राज्य की प्रशासनिक संरचना को प्रभावित करेगी।
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