भारत में नए आपराधिक कानून लागू: अब घर बैठे दर्ज करवा सकेंगे एफआईआर
भारत में पुराने तीन कानूनों को रिप्लेस करते हुए तीन नए आपराधिक कानून लागू हुए हैं। इनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) ने इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह ली है। कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर (CRPC) की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) लागू हो गई है। इंडियन एविडेंस एक्ट (IEA) के स्थान पर अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) उपयोग में लाया जाएगा।

नई दिल्ली : 1 जुलाई को भारत में पुराने तीन कानूनों को रिप्लेस करते हुए तीन नए आपराधिक कानून लागू हुए हैं। इनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) ने इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह ली है। कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर (CRPC) की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) लागू हो गई है। इंडियन एविडेंस एक्ट (IEA) के स्थान पर अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) उपयोग में लाया जाएगा।
इन तीनों नए कानूनों के लागू होने के साथ ही एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में भी बदलाव किए गए हैं। अब कोई भी व्यक्ति पुलिस स्टेशन गए बिना घर बैठे एफआईआर दर्ज करवा सकता है।
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घर बैठे दर्ज करवाएं एफआईआर
भारतीय न्याय संहिता के तहत लागू हुए नए कानूनों के मुताबिक, अब किसी को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं होगी। कोई भी व्यक्ति घर बैठे ही अपनी एफआईआर दर्ज करवा सकता है। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन का उपयोग किया जा सकता है।
अब आप फोन पर मैसेज, ईमेल या फिर पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं। इस नई व्यवस्था से पुलिस को तुरंत कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। इस प्रणाली के जरिए कोई भी व्यक्ति कहीं से भी जीरो एफआईआर दर्ज करवा सकता है।
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यह है पूरी प्रक्रिया
अगर आप थाने जाकर एफआईआर दर्ज नहीं करवा पा रहे हैं, तो आप पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। भारत में लगभग सभी राज्यों की पुलिस के आधिकारिक पोर्टल हैं, जिन पर जाकर कोई भी शिकायत दर्ज कर सकता है। एफआईआर दर्ज करवाते वक्त घटना की पूरी जानकारी, अपना नाम, पता, घटना का समय और विवरण देना होगा।
यदि आपके पास घटना से जुड़ा कोई फोटो या वीडियो है, तो उसे अपलोड करने से पुलिस को कार्रवाई करने में और सहायता मिलेगी, और जल्द कार्रवाई की जा सकेगी। जब आप इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से एफआईआर दर्ज करवा देते हैं, तो यह जांच अधिकारी के पास जाती है। इसके बाद, वह मामले की गंभीरता के अनुसार इस पर कार्रवाई करता है। अगर मामला गंभीर है, तो तुरंत कार्रवाई की जा सकती है।
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अन्यथा, शिकायत के बाद कार्रवाई में 14 दिन तक का समय लग सकता है। अगर आप ई-एफआईआर दर्ज करवाते हैं, तो तीन दिन के भीतर वह रिकॉर्ड में शामिल हो जाएगी और एफआईआर लिख ली जाएगी। पुलिस द्वारा एफआईआर की कॉपी शिकायतकर्ता को भेज दी जाएगी।
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