दलाई लामा पर भारत की टिप्पणी से भड़का चीन, दी कड़ी चेतावनी
भारत के मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर दिए गए बयान पर चीन बौखला गया है। चीन ने भारत को तिब्बत से जुड़े मुद्दों पर टिप्पणी से बचने की चेतावनी दी है, जिससे द्विपक्षीय संबंध प्रभावित न हों।

चीन हमेशा से भारत और पाकिस्तान के मुद्दों पर अपनी राय देता आया है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान और बांग्लादेश को समर्थन देने में भी चीन सबसे पहले रहा है। अब भारत को हर बात पर अपनी सलाह देने वाले चीन ने दलाई लामा के मिले पर भी भारत को जान दे डाला है। बीते कई दिनों से चर्चा थी कि दलाई लामा अपने इस जन्मदिवस पर अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करेंगे। दलाई लामा की तरफ से इस पर बयान आने के बाद भारत में भी इसकी प्रतिक्रिया देखी गई।दरअसल भारत के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने दलाई लामा को अपनी इच्छानुसार उत्तराधिकारी का चुनाव करने का हकदार बताया है। रीजीजू की इस टिप्पणी से चीन बुरी तरह बौखला गया है। चीन ने भारत से तिब्बत से संबंधित मुद्दों पर सावधानी से काम करने की नसीहत दी है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर इसका प्रभाव न पड़े।
भारत की प्रतिक्रिया से बौखलाया चीन
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने रीजीजू की टिप्पणियों को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, “भारत को 14वें दलाई लामा की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति के प्रति स्पष्ट होना चाहिए और ‘शिजांग’ (तिब्बत) से संबंधित मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करना चाहिए।” यहां बता दें कि चीन तिब्बत का उल्लेख ‘शिजांग’ के नाम से करता है। माओ ने कहा कि, “भारत को अपने शब्दों और कार्यों में सावधानी बरतनी चाहिए, शिजांग से संबंधित मुद्दों पर चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करना चाहिए और चीन-भारत संबंधों के सुधार और विकास को प्रभावित करने वाले मुद्दों से बचना चाहिए।”
दलाई लामा पर बोले थे किरेन रिजीजू
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि, “अगले दलाई लामा पर फैसला सिर्फ स्थापित संस्था और दलाई लामा लेंगे।” उन्होंने कहा कि, “इस फैसले में कोई और शामिल नहीं होगा।” आपको बता दें कि इससे पहले दलाई लामा के फैसले पर किसी नेता की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई थी, यह दलाई लामा की ओर से अपने उत्तराधिकारी को लेकर की गई टिप्पणी पर सरकार के किसी वरिष्ठ पदाधिकारी की पहली प्रतिक्रिया है। तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने बुधवार को कहा था कि, “दलाई लामा संस्था जारी रहेगी और केवल ‘गादेन फोडरंग ट्रस्ट’ को ही उनके उत्तराधिकारी को मान्यता देने का अधिकार होगा।”
दरअसल चीन तिब्बत के धर्म गुरु दलाई लामा के चयन में अपनी भूमिका मजबूत करना चाहता था। इसलिए इसमें हस्तक्षेप करना और बयानबाजी करना चीन का काम रहा है। रीजीजू की यह टिप्पणी चीन के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना को खारिज करने और इस बात पर जोर देने के बाद आई है कि भावी उत्तराधिकारी को उसकी मंजूरी मिलनी चाहिए।