उत्तर प्रदेश में नए आपराधिक कानून लागू: थानों में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू
देश में पुलिसिंग और न्याय व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए बनाए गए तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से यूपी सहित पूरे देश में प्रभावी हो गए। उत्तर प्रदेश में इन कानूनों को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई थी। ऐसे में सोमवार को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत प्रदेश के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज की गई।
लखनऊ : देश में पुलिसिंग और न्याय व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए बनाए गए तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से यूपी सहित पूरे देश में प्रभावी हो गए। उत्तर प्रदेश में इन कानूनों को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई थी। ऐसे में सोमवार को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत प्रदेश के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज की गई।
ये जानकारी डीजीपी प्रशांत कुमार ने दी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश में एक जुलाई से लागू तीन नए कानून के तहत सबसे पहले अमरोहा और बरेली में एफआईआर दर्ज की गई। साथ ही वर्तमान में बिना किसी दिक्कत के सभी जगह एफआईआर दर्ज की जा रही है। इसके अलावा सोमवार को प्रदेश के सभी थानों में इसको लेकर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
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उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तीनों नए कानून को लागू करने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली गई थी। इसके तहत ट्रेनिंग और आवश्यक उपकरणों की खरीदारी की गई थी। टेक्निकल बिंग द्वारा सभी स्थानों पर आवश्यक नेटवर्किंग को उपलब्ध करा दिया गया था। इसमें आवश्यक सॉफ्टवेयर और भारत सरकार की सामग्री भी शामिल है। ज्ञात हो देशभर में एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं।
सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) लेगी। भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लेगा और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के प्रावधान लेंगे।
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