भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर सियासी घमासान: राहुल गांधी vs पीयूष गोयल

भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता पर देश की सियासत गर्माई हुई है। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा, तो केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पलटवार किया। जानिए पूरी सियासी तकरार।

Jul 5, 2025 - 22:57
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर सियासी घमासान: राहुल गांधी vs पीयूष गोयल
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भारत और अमेरिका के बीच जारी वार्ता को लेकर भारत की राजनीतिक पार्टियों के बीच भी तनातनी देखने को मिल रही है. भारत सर्कार के रुख पर विपक्ष लगातार बयानबाजी कर रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने 'नतमस्तक हो जाएंगे'।" राहुल गांधी का यह बयान केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के उस बयान पर आया है, जिसमें उन्होंने कहा था, 'हम किसी तय समय सीमा पर काम नहीं कर रहे हैं। हम राष्ट्रीय हित में काम कर रहे हैं।' ट्रंप ने व्यापार समझौतों के लिए 9 जुलाई की समय सीमा तय की है। बाद में राहुल गांधी पर गोयल भी जोरदार पलटवार किया है।

राहुल गांधी का पीएम मोदी पर हमला
भारत और अमेरिका के बीच इन दिनों व्यापार समझौता वार्ता जारी है. इसे लेकर भारत में भी चर्चा हो रही है. कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने इस वार्ता को मुद्दा बनाते हुए बीजेपी पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'पीयूष गोयल चाहे जितना छाती पीट लें, मेरी बात याद रखना, मोदी ट्रंप की टैरिफ डेडलाइन के आगे नतमस्तक हो जाएंगे।' इसपर मंत्री पीयूष गोयल ने भी कांग्रेस नेता पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, 'यह यूपीए के शासन वाला भारत नहीं है, जो राष्ट्रीय हित में नहीं होने पर बातचीत के लिए गिड़गिड़ाएगा... राहुल गांधी को अब कोई गंभीरता से नहीं लेता, क्योंकि वह, उनके सहयोगी और उनकी पार्टी लगातार नकारात्मकता फैलाते हैं।'

पीयूष गोयल का राहुल गांधी पर पलटवार
पीयूष गोयल ने राहुल गाँधी के बयान पर जोरदार पलटवार करते हुए कहा कि, 'उन्होंने भारत के लोगों का विश्वास खो दिया है, जिन्होंने बार-बार कांग्रेस को खारिज किया है। आज तक, वे राष्ट्र के विकास के लिए कोई सकारात्मक एजेंडा लेकर नहीं आ पाए हैं।' उन्होंने कहा कि भारत मजबूती के साथ बातचीत करता है। हम 'आत्मविश्वासी हैं और दुनिया में किसी से भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।' गोयल ने आगे कहा, 'भारत समय सीमा के तहत बातचीत नहीं करता है। हम राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए बातचीत करते हैं। राष्ट्रीय हित दुनिया भर में हमारे सभी कार्यों में सबसे ऊपर है... आज भारत मजबूती के साथ बातचीत करता है, हम आत्मविश्वासी हैं और दुनिया में किसी से भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।'

'तभी समझौता, जब भारत के हित सुरक्षित'
भारत और अमेरिका के बीच चल रही वार्ता को लेकर बीते दिन पीयूष गोयल का बड़ा बयान आया था. वाणिज्य मंत्री के इस बयान पर ही कांग्रेस नेता ने टिप्पणी की है. पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा था कि, "भारत, अमेरिका के साथ व्यापार समझौता तभी करेगा जब उसके हित सुरक्षित हों। साथ ही, भारत को अपने प्रतिस्पर्धियों पर टैरिफ का लाभ बनाए रखने में सक्षम होना चाहिए। किसानों के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी। ट्रंप ने लगभग 100 देशों पर जवाबी शुल्क लगाए थे। लेकिन, बाद में 90 दिनों के लिए इसे रोक दिया था। यह अवधि मंगलवार को समाप्त होने वाली है। भारत पर 26 प्रतिशत जवाबी शुल्क लगाया गया था।"

'कृषि,डेयरी क्षेत्रों के हितों से समझौता नहीं'
इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि क्या भारत और अमेरिका ट्रंप और पीएम मोदी के बीच बैठक के बाद शुरुआती दौर या एक मिनी डील पर सहमत हो सकते हैं। यह समझौता व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते से पहले हो सकता है। यह समझौता सितंबर-अक्टूबर तक होने की उम्मीद है। भारत के लिए मक्का और सोयाबीन जैसे कृषि उत्पादों के साथ-साथ डेयरी उत्पादों पर शुल्क कम करना एक चिंता का विषय है। गोयल ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि भारत कृषि और डेयरी क्षेत्रों के हितों से समझौता नहीं करेगा।

'किसानों का हित सरकार के लिए हमेशा सर्वोपरि'
उन्होंने कहा, 'किसानों का हित मोदी सरकार के लिए हमेशा सर्वोपरि है। आपने देखा है कि हमने यूके, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, ईएफटीए और यूएई के साथ जो भी समझौते किए हैं, उनमें भारत के किसानों की रक्षा की गई है।' सरकार ने प्रमुख कृषि उत्पादों में रियायतें देने से परहेज किया है। लेकिन अमेरिका के लिए यह मुख्य फोकस है। कुछ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी मांगें बहुत स्पष्ट नहीं हैं। गोयल ने कहा कि भारत के लिए श्रम-क्षेत्रों में शुल्क रियायतें भारतीय व्यापार समझौते का मुख्य केंद्र थीं। भारत चमड़ा, जूते, कपड़ा और कुछ ऑटो पार्ट्स में शुल्क रियायतें चाहता था। इसके बदले में वह ऑटोमोबाइल और अमेरिकी व्हिस्की पर लेवी कम करने को तैयार था।


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