संसद में संस्कृत और मैथिली में संविधान की प्रतियां प्रस्तुत होने पर बीएचयू में खुशी का माहौल

देश के संविधान के 75 साल पूरे होने पर मंगलवार को पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला उपस्थित रहे। कार्यक्रम की थीम "हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान" रखी गई।

Nov 27, 2024 - 06:59
संसद में संस्कृत और मैथिली में संविधान की प्रतियां प्रस्तुत होने पर बीएचयू में खुशी का माहौल
संसद में संस्कृत और मैथिली में संविधान की प्रतियां प्रस्तुत होने पर बीएचयू में खुशी का माहौल

वाराणसी : देश के संविधान के 75 साल पूरे होने पर मंगलवार को पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला उपस्थित रहे। कार्यक्रम की थीम "हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान" रखी गई।

संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर एक विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी किए गए। इसके साथ ही संस्कृत और मैथिली भाषाओं में संविधान की प्रतियां भी प्रस्तुत की गईं। दो महत्वपूर्ण किताबों, 'भारतीय संविधान का निर्माण: एक झलक' और 'भारतीय संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा' का विमोचन भी इस कार्यक्रम में किया गया।

संसद में संविधान की संस्कृत और मैथिली में प्रतियां प्रस्तुत होने पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में खासी खुशी का माहौल है।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के साहित्य विभाग में आचार्य पद पर कार्यरत श्यामानंद मिश्र ने भारत सरकार के इस कदम को अतुलनीय बताया। उन्होंने मैथिली भाषा में कहा, “आज प्रधानमंत्री ने संस्कृत और मिथिला के संबंध में संविधान का विमोचन किया, जो मिथिला वासियों के लिए गर्व की बात है। हम सभी प्रधानमंत्री जी का दिल से धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने हमारी भाषा और संस्कृति के गौरव को स्वीकार किया।”

संस्कृत विभाग के छात्र विवेक त्रिपाठी ने भी भारत सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने संस्कृत में बोलते हुए कहा, “इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संविधान के संस्कृत और मैथिली संस्करण के विमोचन को लेकर गर्व महसूस कर रहा हूं। यह एक गर्व की बात है कि संस्कृत को इस प्रकार प्रोत्साहन दिया जा रहा है। यदि हम प्राचीन काल के स्वरूप को देखें, तो हमें यह समझ में आता है कि संस्कृत का पुनर्निर्माण और उसका प्रचार-प्रसार अब और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा यह कदम एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। संस्कृत भाषा की पुनः प्रतिष्ठा और संवर्धन के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है। हम संस्कृत के छात्र इस निर्णय से अत्यंत प्रसन्न हैं। हम चाहते हैं कि हमारी भाषा का सम्मान बढ़े और संस्कृत का भविष्य उज्जवल हो। यह कदम हमारे लिए एक प्रेरणा है, और हम सभी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हैं। आशा है कि यह प्रयास संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए और अधिक अवसर पैदा करेगा।”

संस्कृत विभाग प्रोफेसर विनय पांडेय ने कहा, “आज प्रधानमंत्री ने भारतीय संविधान का संस्कृत और मैथिली भाषा में विमोचन किया, जो हमारे लिए गर्व का विषय है। निश्चित रूप से यह कदम हमारे युवा वर्ग के बीच संस्कृत के प्रति प्रेम और उत्साह को बढ़ाएगा। भारतीय संविधान का ज्ञान अब संस्कृत भाषा में भी उपलब्ध होगा, जो कि भारतीय संस्कृति और भाषा के प्रति हमारी सम्मान की भावना को और अधिक मजबूत करेगा। यह कदम संविधान के महत्व को और अधिक स्पष्ट करेगा और संस्कृत की प्राचीनता तथा शक्ति को पुनः जागरूक करेगा।”


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on Bharat Update. Follow Bharat Update on Facebook, Twitter.

Bharat Update Bharat Update is a platform where you find comprehensive coverage and up-to-the-minute news, feature stories and videos across multiple platform. Email: digital@bharatupdatenews.com