नूंह जिले में मुआवजे को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन
नूंह जिले के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 5 महीनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने मंगलवार को एक बार फिर महापंचायत बुलाई। इस महापंचायत में किसानों ने निर्णय लिया कि प्रशासन को 35 दिनों का दिया गया समय पूरा हो चुका है
नूँह / जुबैर खान : नूंह जिले के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 5 महीनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने मंगलवार को एक बार फिर महापंचायत बुलाई। इस महापंचायत में किसानों ने निर्णय लिया कि प्रशासन को 35 दिनों का दिया गया समय पूरा हो चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया। किसानों ने आईएमटी रोजकामेव में चल रहे विकास कार्य को बंद करने का निर्णय लेते हुए एचएसआईआईडीसी के ऑफिस पर धरना देने के लिए कूच कर दिया। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद की अगुवाई में किसान आईएमटी रोजकामेव में चल रहे विकास कार्य को बंद करने पहुंचे।
मंगलवार को आईएमटी रोजकामेव में किसानों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति देखी गई। हजारों की संख्या में किसान, महिलाएं और बच्चे पहुंचे और प्रदर्शन कर अपना रोष जताया। करीब 3 घंटे तक चले इस प्रदर्शन के बाद नूंह एसडीएम विशाल और एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों के साथ किसानों की बैठक हुई। करीब 1 घंटे की मीटिंग के बाद प्रशासन ने 23 अगस्त को चंडीगढ़ या दिल्ली में सीएम के प्रधान सचिव के साथ मीटिंग रखने की बात कही। किसानों का धरना अभी धीरदोका में जारी रहेगा। अगर उनकी मांग मान ली जाएगी तो ठीक है, नहीं तो फिर किसान अपने धरने को आईएमटी कार्यालय पर 23 अगस्त के बाद जारी रखेंगे।
मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने पहले धीरदोका गांव में महापंचायत की और फिर आईएमटी रोजकामेव में काम रोका। इसके बाद किसान धरनास्थल से हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एचएसआईआईडीसी) के दफ्तर पहुंचे और वहां धरना दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष भी पहुंचे, जिसके कारण पुलिस बल भी तैनात किया गया।
जानकारी के अनुसार, आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांवों की 1600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण 2010 में किया गया था। उस समय प्रति एकड़ 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया था। हालांकि, फरीदाबाद के चंदावली और मच्छगर गांवों के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी। कोर्ट ने आदेश दिया कि किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ रुपए दिए जाएं। इसके बाद जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उन्हें भी 2 करोड़ प्रति एकड़ मिलने चाहिए, तो उन्होंने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। सरकार ने पहले 21 लाख रुपए देने की बात कही, फिर 25 लाख रुपए देने की बात की, लेकिन अब तक किसानों को पूरा मुआवजा नहीं मिला है।
नूंह के एसडीएम विशाल ने बताया कि 23 अगस्त को किसानों की सीएम के प्रधान सचिव से मीटिंग होगी और उनकी समस्या का जल्द समाधान कराने का आश्वासन दिया गया है।
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