टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा नहीं रहे, उद्योग जगत में शोक

भारतीय उद्योगपति और टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का बुधवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। रतन टाटा का भारतीय उद्योग जगत में अहम स्थान था और उनकी उपलब्धियों की गूंज दुनिया भर में सुनाई देती थी।

Oct 10, 2024 - 14:17
टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा नहीं रहे, उद्योग जगत में शोक
टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा नहीं रहे, उद्योग जगत में शोक

भारतीय उद्योग जगत को भारी क्षति

मुंबई : भारतीय उद्योगपति और टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का बुधवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। रतन टाटा का भारतीय उद्योग जगत में अहम स्थान था और उनकी उपलब्धियों की गूंज दुनिया भर में सुनाई देती थी। सोमवार को उन्हें उम्र संबंधित बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई और आखिरकार बुधवार को उनका निधन हो गया।

रतन टाटा ने टाटा समूह की कमान मार्च 1991 से लेकर दिसंबर 2012 तक संभाली। इस दौरान उन्होंने कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और वैश्विक स्तर पर टाटा समूह का विस्तार किया। उदारीकरण के दौर में उनके नेतृत्व ने कंपनी को प्रतिस्पर्धी बाजार में मजबूत बनाए रखा। इसके बाद, 2016-2017 में भी उन्होंने कुछ समय के लिए समूह की जिम्मेदारी संभाली। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और मूल्यों ने उन्हें उद्योग जगत का एक प्रतिष्ठित चेहरा बनाया।

टाटा समूह के लिए एक युग का अंत

टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा, "हम अत्यंत दुःख के साथ श्री रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं। वह केवल टाटा समूह के अध्यक्ष ही नहीं थे, बल्कि एक प्रेरणादायक गुरु और मार्गदर्शक भी थे। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर अपना प्रभाव बढ़ाया।"

चंद्रशेखरन ने आगे कहा, "श्री टाटा की परोपकारी भावना ने लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में की गई पहलों ने समाज में गहरी छाप छोड़ी है। वह सादगी और विनम्रता के प्रतीक थे, जो हर व्यक्तिगत बातचीत में नजर आता था।"

रतन टाटा की विरासत

रतन टाटा का योगदान सिर्फ उद्योग तक सीमित नहीं था। वह एक प्रतिष्ठित परोपकारी भी थे और उनके द्वारा किए गए समाजसेवी कार्यों ने लाखों लोगों के जीवन को छुआ। शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास के क्षेत्र में उनकी पहलों का प्रभाव आज भी दिखता है और आने वाली पीढ़ियां उनके द्वारा किए गए कार्यों से प्रेरणा लेंगी।

उद्योग जगत की प्रतिक्रिया

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रतन टाटा के निधन को भारतीय उद्योग के लिए "अपरिहार्य क्षति" बताते हुए कहा कि उनकी विरासत सदियों तक प्रेरणा देती रहेगी।


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