हरियाणा विधानसभा चुनाव स्थगित होने पर कांग्रेस नेताओं ने की चुनाव आयोग की आलोचना
निर्वाचन आयोग ने शनिवार को हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतदान की तारीख में बदलाव करते हुए 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक संशोधित कर दिया। हरियाणा विधानसभा चुनाव स्थगित करने के चुनाव आयोग के इस फैसले की आलोचना करते हुए चुनाव आयोग पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया।
नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतदान की तारीख में बदलाव करते हुए 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक संशोधित कर दिया। हरियाणा विधानसभा चुनाव स्थगित करने के चुनाव आयोग के इस फैसले की आलोचना करते हुए चुनाव आयोग पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने जमकर की आलोचना
कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा कि "ईडी और सीबीआई ही नहीं बल्कि चुनाव आयोग भी भाजपा के लिए काम करने लगा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग ने एक राजनीतिक दल की मांग पर तारीख आगे बढ़ा दी है और यह दर्शाता है कि भाजपा हरियाणा में हार से डरी हुई है।" उन्होंने आगे कहा कि, "हरियाणा में भाजपा के नेतृत्व वाली अलोकप्रिय सरकार हर निर्वाचन क्षेत्र में भारी अंतर से पराजित होगी और लोगों के स्पष्ट फैसले के साथ हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी।"
हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया ने भी चुनाव आयोग के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि इस देरी से कांग्रेस की चुनाव तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दीपक बाबरिया ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि "बीजेपी 10 साल तक तदर्थवाद के जरिए सरकार चला रहे थे, उन्होंने उसी तदर्थवाद के जरिए तारीखें तय कीं और बाद में उन्हें बदल दिया। इस प्रक्रिया में, पूरा प्रशासन, मतदाता और समय सारिणी प्रभावित हुई, लेकिन इससे हम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम इसे उनकी विफलता के अलावा और कुछ नहीं मानते।"
इसके साथ ही अजय माकन ने कहा कि "हम तैयार हैं, हम पहले भी तैयार थे, अगर चुनाव कल भी होते हैं तो हम तैयार हैं। बीजेपी सत्ता विरोधी लहर के कारण किसी न किसी तरह से चुनाव टालना चाहती है। हम तैयार हैं, हम आराम से जीतेंगे।"
तारीख बदलने की ये है वजह !
बता दें कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के कई परिवार लंबे समय से एक परंपरा का पालन करते हैं। यह परिवार अपने गुरु जम्भेश्वर की याद में होने वाले वार्षिक उत्सव के लिए "आसोज" महीने में अमावस के दौरान बीकानेर जिले में अपने पैतृक गांव मुकाम जाते हैं।
इस साल यह वार्षिक उत्सव 2 अक्टूबर को होगा। जिसके चलते सिरसा, फतेहाबाद और हिसार में रहने वाले हजारों बिश्नोई परिवार 2 अक्टूबर को राजस्थान की यात्रा करेंगे। भारत के चुनाव आयोग ने कहा कि 2 अक्टूबर को चुनाव होने के कारण इन सभी लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित किया जाएगा।
बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
भाजपा नेता अनिल विज ने भी चुनाव आयोग के इस फैसले का बचाव करते हुए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि "यह भारत में लोकतंत्र के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता और लोगों को बड़ी संख्या में मतदान करने के अवसर प्रदान करने को दर्शाता है। वहीं कांग्रेस की ओर से यह दर्शाता है कि वे इससे भाग रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि, "अगर कांग्रेस को यह प्रक्रिया पसंद नहीं है, तो घर पर बैठिए और वोट मत डालिए। जो लोग इस प्रक्रिया को पसंद करते हैं, उन्हें वोट देने दीजिए। अगर तारीखें बदली गई हैं तो यह कैसी धांधली है? लोगों के हित में तारीखें बदली गई हैं।"
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