Gurgaon में भारी बारिश के कारण शहर में जलभराव की स्थिति बन गई है।

गुरुग्राम में बीती रात से शुरू हुई तेज़ वर्षा ने एक बार फिर शहर की गंभीर बुनियादी ढाँचे की समस्याओं को उजागर कर दिया। मूसलाधार बारिश ने गुरुवार सुबह तक 133 मिमी तक गिरावट दर्ज की, जिसमें शाम 7:30 से 9:00 बजे तक अकेले 103 मिमी बारिश हुई थी

Jul 10, 2025 - 16:01
Gurgaon में भारी बारिश के कारण शहर में जलभराव की स्थिति बन गई है।

भारी बारिश से शहर की तबाही

गुरुग्राम में बीती रात से शुरू हुई तेज़ वर्षा ने एक बार फिर शहर की गंभीर बुनियादी ढाँचे की समस्याओं को उजागर कर दिया। मूसलाधार बारिश ने गुरुवार सुबह तक 133मिमी तक गिरावट दर्ज की, जिसमें शाम 7:30 से 9:00 बजे तक अकेले 103मिमी बारिश हुई थी । इसके परिणामस्वरूप लगभग हर मुख्य सड़क, कॉलनी और एक्सप्रेसवे जलमग्न हो गए। दिल्लीगुरुग्राम एक्सप्रेसवे, सोहना रोड, राजीव चौक जैसे इलाकों में पानी आधा मनुष्य के कंधे तक भर गया और यातायात लगभग ठप हो गया । सैक्टरवाइज स्थिति की बात करें तो जवाहर कॉलोनी, बसई चौक, सुभाष चौक, सेक्टर 12, 22, 31, 48, 51 आदि इलाकों में भी कई जगहों पर पानी जमा होने के कारण स्थानीय प्रशासन और निगम की तमाम व्यवस्थाएँ फेल दिखाई दीं । कुछ स्थानों पर तो ग्रामीण इलाकों की तर्ज पर सड़कों पर पानी भर गया, गाड़ियाँ बीच सड़क में फंस गईं और कई लोग घंटों ट्रैफिक जाम में रोके गए ।

प्रशासन ने जारी की वर्क-फ्रॉम-होम एडवाइजरी ड्रेनेज सिस्टम फेल सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ

इस भीषण वर्षा के चलते जिला प्रशासन ने आज यानी 10 जुलाई 2025 को सभी निजी और कॉर्पोरेट कार्यालयों को वर्क-फ्रॉम-होम की सलाह जारी की । इस निर्णय का मकसद मुख्य रूप से कर्मचारियों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा बंद पड़े कवरेज को प्रबंधित करना था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने NCR क्षेत्र के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया, जिसमें तीव्र वर्षा और आंधी-तूफान की संभावना जताई गई थी । प्रशासन ने साफ-सफाई के लिए जलनिकासी यंत्रों की तैनाती की, जबकि नगर निगम को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गये । गुरुग्राम वासी इस समस्या पर बेहद आक्रोशित हैं। सोशल मीडिया से लेकर तालाब तक के नाम देकर कारोबारीशहरी क्षेत्र की अव्यवस्था पर कटाक्ष किया गया है । ट्विटर और फेसबुक पर साझा की गई लाइव वीडियो और तस्वीरों में जलजमाव, फंसे वाहन और परेशान लोग स्पष्ट तौर पर दिख रहे हैं। एक ओर जहाँ कुछ लोग तस्वीरों में वाहनों को “तैरते हुए बता रहे थे, वहीं कई नागरिकों ने सवाल उठाया कि इतने बड़े टैक्स और निवेशों के बावजूद अस्पताल, फ्लैट और मॉल जैसी जगहों पर बुनियादी ढाँचे का निर्माण क्यों नहीं हो पाया ।एक नेटिजन ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, बारिश-भरा गुरुग्राम घर के अंदर भूकंप बाहर बाढ़। इस प्रकार की माध्य-धार्मिक हास्य और आलोचना ने शहर की व्यवस्थाओं पर पुन प्रकाश डाला है।

सड़क धंसना जारी भूकंप के झटके

जल संकट के बीच प्रकृति की दूसरी चुनौती इस कल के बादल और भूजल भराव ने निर्माण स्थलों को भी प्रभावित किया साइबर सिटी के निकट एक सेवार्थ रोड पर अचानक बड़ा गड्ढा बन गया , जिसमें एक ट्रक गिर गया । चालक और सहायक सुरक्षित बच निकले । यह घटना अवैध या अधूरे निर्माण कार्यों में मानक उल्लंघन को दर्शाती है । निगम और निर्माण एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या पूर्व-पूर्वा जोखिम के संबंध में आवश्यक सावधानियाँ बरती गई थीं । इतने जलजमाव के बीच गुरुवार सुबह 9:04 बजे जज्जर , हरियाणा के पास 4 तीव्रता का भूकंप आया । केन्द्र की गहराई लगभग 10 कि.मी. थी और इसका असर दिल्लीएनसीआर सहित गुरुग्राम में भी महसूस किया गया । अचानक आई इस प्राकृतिक आपदा ने पहले ही जलजमाव से परेशान लोगों की चिंता बढ़ा दी । नीचे वीडियो और ट्वीट्स की बाढ़ आ गई , जिसमें कई लोग कहते दिखे कि घर के अंदर कांपे दीवारें , बाहर डूबा सारा शहर ।सभी अधिकारियों ने राहत और बचाव तंत्र को सतर्क कर दिया है । शुरुआती रिपोर्ट्स में कोई जानहानि नहीं हुई है और संपत्ति को भी फिल्हाल कोई गहरा नुकसान नहीं हुआ है । स्वास्थ्य अलर्ट डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़े प्रशासन की सफाई मुहिम और जिम्मेदारी बारिश के बाद एक और खतरा उत्पन्न हुआ है वेक्टर जनित बीमारियाँ । गुरुग्राम में हाल ही में 6 डेंगू और 3 मलेरिया के मामले दर्ज किए गए हैं ।

स्वास्थ्य विभाग ने फारुखनगर , पटौदी , सैक्टर14 वजीराबाद और सुल्तानपुर में विशेष निगरानी बढ़ा दी है । घर-घर तेजी से जांच , फवारियां और डिटर्जेंट डिस्ट्रिब्यूशन शुरू किया गया है । लोगों को जल-भराव वाले बर्तनों और फलों के टैंकों से पानी निकालने हेतु सतर्क रहने की सलाह दी गई है । स्कूलों में भी नियमित चेकअप हो रहे हैं और रेपलेंट , मच्छरदानी वाले सुरक्षा किट वितरित किए जा रहे हैं । इस सबका असर साफ-सफाई व्यवस्था पर भी पड़ा है । एमसीजी गुरुग्राम नगर निगम ने पहले ही पांच नई स्वीपिंग मशीनों की मांग की थी और आठ वाहनों को अवैध कचरा फेंकने के आरोप में जब्त किया है । यह कार्रवाई यह संदेश देती है कि प्रशासन कचरा प्रबंधन और स्वच्छता पर ध्यान दे रहा है , लेकिन बाढ़ के नतीजे बताते हैं कि ड्रेनेज ढाँचा अभी भी कमजोर है ।

निष्कर्ष चुनौतियाँ और भविष्य

गुरुग्राम की मौजूदा स्थिति स्पष्ट है: बुनियादी अवसंरचना मुख्य रूप से ड्रेनेज, सड़क, निर्माण सामग्री और स्वास्थ्य जागरूकताअभी भी सुधार की राह पर है। अब जिम्मेदारी प्रशासन, निगम, नागरिक और निजी क्षेत्र की मिलीजुली होनी चाहिए।नागरिकों से उम्मीद है कि वे बारिश के दौर में सतर्क रहें, सोशल मीडिया के माध्यम से सचेत रहें, और अगर पानी फैलता है तो एमसीजी को तुरंत सूचना दें। निगम को तत्काल जलनिकासी के उपाय, रुटीन मेन्टेनेंस और आपातकालीन ड्रेनेज टैंक के प्रबंधन पर तेज़ी से काम करना होगा। निजी और कॉर्पोरेट सेक्टर को सतर्कता बरतते हुए आज जैसे मौसम में WFH का सभी सुझाव मानना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग को अधिक स्थायी समाधानजैसे डेंगू डिटेक्शन सेंटर, अस्पतालों में बुखार क्लीनिक और रोग जागरूकता अभियानकी शुरूआत करनी होगी।गुरुग्राम शहर इस मोनसून के दौर में दोहरी चुनौतियोंभारी वर्षा और भूकंपका सामना कर रहा है, साथ ही स्वास्थ्य और सफाई के मसलों के साथ। अगले कुछ दिनों में बारिश के रुकने पर जलस्तर नियंत्रित करना, सड़क और निर्माण सुरक्षा को बेहतर बनाना, और डेंगू जैसी बीमारी पर नियंत्रण ही प्राथमिकता होनी चाहिए। नागरिकों की राय से स्पष्ट है कि बड़े निवेश व टैक्स के बावजूद शहर इन मौसमी चुनौतियों में पीछे दिखता है। यह समय है कि प्रशासन, निगम और समाज मिलकर इसके निवारण की दिशा में ठोस कदम उठाएँन केवल राहत अभियान के लिए, बल्कि दीर्घकालिक सुधारों हेतु भी।


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