चुनावी नतीजों से पहले कांग्रेस में सत्ता की रणनीति: कौन बनेगा हरियाणा का मुख्यमंत्री?
हरियाणा में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद के लिए किलेबंदी तेज हो गई है। मतदान के बाद कांग्रेस ने राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत माना है, और अब पार्टी के प्रमुख नेता मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हो गए हैं। इस दौड़ में कई प्रमुख नाम उभर कर सामने आ रहे हैं, जिनमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला प्रमुख हैं।
हरियाणा में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद के लिए किलेबंदी तेज हो गई है। मतदान के बाद कांग्रेस ने राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत माना है, और अब पार्टी के प्रमुख नेता मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हो गए हैं। इस दौड़ में कई प्रमुख नाम उभर कर सामने आ रहे हैं, जिनमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला प्रमुख हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का रणनीतिक कदम
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जिन्होंने हरियाणा की राजनीति में एक मजबूत पकड़ बनाई हुई है, इस बार भी अपनी दावेदारी को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। मतदान के अगले ही दिन, हुड्डा ने रोहतक स्थित अपने आवास पर समर्थकों और संभावित जीत के प्रत्याशियों से मुलाकात की। पूरे दिन वे विभिन्न नेताओं से फोन पर बातचीत करते रहे और चुनावी परिणामों को लेकर समीकरण तैयार करते रहे। इसके अलावा, सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी युवा नेताओं के साथ हार-जीत के समीकरणों पर मंथन किया। शाम होते ही भूपेंद्र हुड्डा दिल्ली के लिए रवाना हो गए, जहां वे आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
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सैलजा और सुरजेवाला की सीएम पद पर नजर
कुमारी सैलजा, जो सिरसा से सांसद हैं, ने भी अपनी दावेदारी को मजबूत किया है। मतदान के तुरंत बाद वे राजस्थान के प्रसिद्ध सालासर धाम पहुंचीं और वहां पूजा अर्चना की। सैलजा लगातार अपनी दावेदारी जताती रही हैं और उन्हें कांग्रेस के उच्च नेतृत्व से भी समर्थन मिलने की उम्मीद है। इसी तरह, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला भी केदारनाथ धाम पहुंचकर अपनी आस्था व्यक्त करने के साथ-साथ राजनीतिक समीकरणों को साधने में जुटे हैं। सुरजेवाला भी सीएम पद के लिए प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।
कांग्रेस नेतृत्व के सामने चुनौती
कांग्रेस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर किसे चुने। हुड्डा जहां अनुभव के आधार पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, वहीं सैलजा और सुरजेवाला अपने कद और जनाधार के साथ नेतृत्व के सामने हैं।
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हरियाणा में कांग्रेस की यह किलेबंदी यह दर्शाती है कि चुनावी परिणाम आने के बाद पार्टी में मुख्यमंत्री पद के लिए बड़ी खींचतान होने वाली है। अब देखना यह होगा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व किसे मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपता है।
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