वैज्ञानिकों ने बढ़ती उम्र में होने वाले अंधेपन का ढूंढा उपचार
नियोवैस्कुलर एज-रिलेटेड मैक्यूलर डिजनरेशन (एएमडी) अंधेपन का एक प्रमुख कारण है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इसको लेकर एक संभावित एंटीबॉडी उपचार विकसित किया है। मैक्युलर डिजनरेशन आंख का एक रोग है ।
नई दिल्ली: नियोवैस्कुलर एज-रिलेटेड मैक्यूलर डिजनरेशन (एएमडी) अंधेपन का एक प्रमुख कारण है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इसको लेकर एक संभावित एंटीबॉडी उपचार विकसित किया है। मैक्यूलर डिजनरेशनआंख का एक रोग है जिसमें मैक्युला की सामान्य संरचना प्रभावित होती है। अधिक उम्र, मधुमेह, मोटापा और कई अन्य पुरानी चयापचय संबंधी बीमारियों के कारण अत्यधिक वैस्कुलर वृद्धि होती है और इससे मैक्यूला को नुकसान होता है, जो आंख का वह हिस्सा है जो प्रकाश को छवि संकेतों में परिवर्तित करता है। मेडिकल कॉलेज ऑफ जॉर्जिया (एमसीजी) की टीम ने कहा, ''आमतौर पर एंटी-वीईजीएफ थेरेपी वैस्कुलर एंडोथेलियल वृद्धि कारक को अवरुद्ध करती है और अत्यधिक रक्त वाहिका वृद्धि को रोकती है। हालांकि यह केवल लगभग एक तिहाई रोगियों के लिए ही कामयाब होती है।'' उन्होंने पाया कि इसका कारण "फाइब्रोब्लास्ट कोशिकाएं" हैं। जर्नल साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन के अध्ययन में अनुसार, ''इन फाइब्रोब्लास्ट कोशिकाओं द्वारा पैदा हुआ कोलेजन और कई अन्य प्रोटीन वैस्कुलर कोशिकाओं के बाहर जमा हो जाते हैं और अंततः आंखों में फाइब्रोसिस या घाव का कारण बनते हैं।'' एमसीजी के वैस्कुलर बायोलॉजी सेंटर में वैस्कुलर इंफ्लेमेशन प्रोग्राम के निदेशक युकिंग हुओ ने कहा, ''इस अध्ययन में पहली बार हमने दिखाया है कि कई फाइब्रोब्लास्ट कोशिकाएं वास्तव में इन अत्यधिक एंडोथेलियल कोशिकाओं द्वारा निर्मित होती हैं।" ऐसा होने से रोकने के लिए टीम ने रिसेप्टर 2ए (एडोरा2ए) को लक्षित किया। हालांकि सूजन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण मायोकार्डियल ऑक्सीजन की खपत और अतिरिक्त एडेनोसिन में कोरोनरी रक्त प्रवाह अत्यधिक रक्त वाहिका वृद्धि का कारण बन सकता है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इस शोध के लिए उन चूहों का इस्तेमाल किया जिनकी आंखों के पिछले हिस्से में फाइब्रोसिस विकसित हुआ था। चूहों को 'एडोरा2ए' दिया गया,जो रिसेप्टर से जुड़ जाता है और उसके कार्य को अवरुद्ध कर देता है। टीम ने कहा कि बाद में चूहों की आंखों में फाइब्रोसिस में कमी देखी गई। हुओ ने कहा, ''एक एंटीबॉडी वास्तव में एएमडी के शुरुआती चरण में अत्यधिक रक्त वाहिका वृद्धि और एएमडी के अंतिम चरण में फाइब्रोसिस दोनों को रोक सकती है। हमारे निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि 'एडोरा2ए' को अवरुद्ध करने से निश्चित रूप से इस बीमारी के कई चरणों को लक्षित किया जा सकता है जो वर्तमान उपचारों की तुलना में कहीं अधिक कुशल हो सकता है।''
आईएएनएस एमकेएस/एसकेपी
BharatUpdateNews.Com पर देश की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. राष्ट्रीय और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.
(Follow Bharat Update on GOOGLE NEWS and never miss an update!)