ईरान-इजरायल युद्ध आठवें दिन भी जारी: परमाणु ठिकानों पर हमला, अमेरिका के दखल की संभावना
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध आठवें दिन भी जारी है। इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों को निशाना बनाया, जबकि ईरान की मिसाइलों ने इजरायल के अस्पताल पर हमला किया। अमेरिका के हस्तक्षेप की अटकलें तेज हैं और दुनिया शांति की अपील कर रही है, लेकिन जंग थमने का नाम नहीं ले रही।

13 जून से ईरान और इजरायल के बीच शुरू हुआ खूनी संघर्ष आठवें दिन भी लगातार जारी है. दोनों देशों की तरफ से हवाई हमले जारी हैं और इसमें भारी तबाही दोनों देशों में देखी जा रही है. इजरायल की मिसाइलों ने अब तक ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों और इंडस्ट्रियल एरिया एक एक कर तबाह किया है. जवाबी कार्रवाई में ईरान की मिसाइलों ने इजरायल के हॉस्पिटल को अपनी चपेट में ले लिया है. दोनों देशों के बीच जारी इस जंग में आम नागरिक पिस रहे हैं और इसकी भरपाई अपनी जान गँवा कर रहे हैं. लगातार दुनियाभर से शांति की अपील की जा रही है लेकिन वो भी किसी काम नहीं आ रही है. युद्धविराम की कई नाकाम कोशिशे पहले भी की जा चुकी हैं, लेकिन ईरान और इजरायल रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका
हमास को ख़त्म करने के इरादे से शुरू हुआ ये युद्ध अब इजरायल बनाम ईरान हो गया गया है. बढ़ते युद्ध की सम्भावना के साथ ही दुनिया भर की शक्तियां भी दो गुटों में बटती हुई नज़र आ रहीं हैं. जहाँ एक तरफ अमेरिका इस युद्ध में खुले आम इजरायल को समर्थन दे रहा है. तो वहीं बातों बातों में रूस का समर्थन ईरान को मिलता हुआ दिखने लगा है. बीते कई दिनों अमेरिका के ईरान के विरूद्ध युद्ध में उतरने की अटकलें लगायी जा रही थीं. इस मुद्दे पर व्हाइट हाउस का कहना है, "नेगोशिएशन की संभावना" के कारण, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो सप्ताह के भीतर फैसला करेंगे कि अमेरिका इजरायल-ईरान संघर्ष में शामिल होगा या नहीं. वहीं तेहरान के परमाणु कार्यक्रम और जंग को समाप्त करने पर बातचीत के लिए ईरान के विदेश मंत्री आज जिनेवा में फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक करने वाले हैं."
ईरान ने किया बातचीत से इनकार
इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध का एक बड़ा मुद्दा ईरान के पास परमाणु हथियारों की ताकत का होना है. इजरायल ने ये हमला तब किया जब ईरान की अमेरिका के साथ परमाणु डील को लेकर चर्चा चल रही थी. परमाणु हथियार रखने के मामले में ईरान का कहना है कि वो इसे अपनी देश की सुरक्षा के लिए चाहते हैं लेकिन वहीँ दूसरी तरफ इजरायल इसे अपने अस्तित्व के लिए 'खतरा' मानता है. अब इस मामले पर अपना रुख साफ़ करते हुए ईरान के विदेश मंत्री ने कहा है कि, "जबतक इजरायल की तरफ से ईरान पर हमले जारी रहेंगे, तब तक अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील पर कोई बातचीत नहीं होगी."
इजरायल और ईरान के बीच लगातार जारी युद्ध में दोनों के बीच समझौते या युद्धविराम जैसा कुछ नज़र नहीं आ रहा है. परमाणु हथियारों को लेकर चल रही वार्ता के बाद अब इजरायल और ईरान के साथ और देश भी जुड़ते हुए नज़र आ रहे हैं. दो देशों के बीच जारी युद्ध में अन्य देशों के जुड़ने से कई बड़े बदलाव विश्व को प्रभावित कर सकते हैं.
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