सैन्य विरासत की शौर्य गाथा : एयर फोर्स, आर्मी और नेवी की उपलब्धियों की कहानी

भारतीय सैन्य विरासत का महोत्सव शुक्रवार को नई दिल्ली में शुरू हुआ। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने इस महोत्सव का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्रालय द्वारा किए जा रहे इस आयोजन का उद्देश्य वैश्विक और भारतीय संस्थाओं का ध्यान सैन्य विरासत पर केंद्रित करना है।

Nov 8, 2024 - 22:58
सैन्य विरासत की शौर्य गाथा : एयर फोर्स, आर्मी और नेवी की उपलब्धियों की कहानी
सैन्य विरासत की शौर्य गाथा : एयर फोर्स, आर्मी और नेवी की उपलब्धियों की कहानी

नई दिल्ली : भारतीय सैन्य विरासत का महोत्सव शुक्रवार को नई दिल्ली में शुरू हुआ। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने इस महोत्सव का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्रालय द्वारा किए जा रहे इस आयोजन का उद्देश्य वैश्विक और भारतीय संस्थाओं का ध्यान सैन्य विरासत पर केंद्रित करना है। ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा भी इस आयोजन को समर्थन दिया जा रहा है। महोत्सव के अवसर पर ही परियोजना ‘शौर्य गाथा’ का शुभारंभ भी किया गया।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस आयोजन से युवा पीढ़ी को सशस्त्र बलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी। यहां इंडियन एयर फोर्स, आर्मी और नेवी की जानकारी देने के लिए उनके सूचनात्मक स्टॉल लगाए गए हैं। इसके जरिए विभिन्न कार्यों में एयर फोर्स, आर्मी और नेवी की शानदार भूमिकाएं दर्शाई जा रही हैं। इतना ही नहीं, ये स्टॉल इच्छुक युवाओं के लिए आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में उपलब्ध विभिन्न अवसरों को भी प्रदर्शित कर रहे हैं।

इस वर्ष के उत्सव को रक्षा मंत्रालय, सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए), भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, डीआरडीओ के अलावा पर्यटन विभाग लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश सरकार और संस्कृति मंत्रालय का भी समर्थन है। इस महत्वपूर्ण सैन्य विरासत महोत्सव में भारतीय थिंक टैंक, कंपनियों, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उपक्रमों को शामिल किया गया है। इनके अलावा शिक्षाविदों और अनुसंधान से जुड़े विद्वानों को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, सैन्य इतिहास और सैन्य विरासत पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यहां शामिल किया गया है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारत के लंबे और समृद्ध सैन्य इतिहास और रणनीतिक संस्कृति के बावजूद, अधिकांश आम जनता देश की सैन्य विरासत और सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं से अनजान है। भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव इस अंतर को पाटने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य भारत की सैन्य परंपराओं, समकालीन सुरक्षा और रणनीति के मुद्दों की समझ को बढ़ाना है। साथ ही आत्मनिर्भर भारत पहल के माध्यम से सैन्य क्षमता में आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रयासों को बढ़ाना है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यहां इस कार्यक्रम में सैन्य 'शौर्य गाथा' के जरिए भारत की सैन्य विरासत के संरक्षण का प्रयास भी किया जा रहा है। भारतीय युवाओं, छात्रों को सैन्य विरासत और शौर्य गाथा से अवगत कराते हुए प्रेरणा देने के लिए शिक्षा जगत का सहयोग भी लिया जा रहा है। यह दो दिवसीय महोत्सव है जो दूसरी बार आयोजित किया गया है। ‘शौर्य गाथा’ परियोजना भारत के सैन्य मामलों के विभाग और यूएसआई ऑफ इंडिया की एक पहल है।

इसका उद्देश्य शिक्षा और पर्यटन के माध्यम से भारत की सैन्य विरासत का संरक्षण और संवर्धन करना है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) विक्रम सिंह की पुस्तक 'बिकॉज ऑफ दिस: ए हिस्ट्री ऑफ द इंडो-पाक एयर वॉर दिसंबर 1971 का विमोचन किया।

डीआरडीओ ने यहां आत्मनिर्भर भारत में योगदान देने की अपनी यात्रा और उपलब्धियों वाली एक यादगार फोटो प्रदर्शनी लगाई है। इसके अलावा यहां बड़ी संख्या में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के स्कूलों और कॉलेजों के एनसीसी कैडेट और छात्र भागीदारी कर रहे हैं।


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Shivraj Singh Palara This is Shivraj Singh Palara With over 02 years of experience in the field of journalism,Shivraj Singh Palara heads the editorial operations of the Bharat Update as the Executive Writer.