यूपी में भर्ती परीक्षाओं में खेल नहीं कर सकेंगे सॉल्वर गैंग, तैयार हो रहा नया कानून

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया तेज करने के लिए शनिवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में विभिन्न चयन आयोगों के अध्यक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान उन्होंने यूपी में सॉल्वर गैंग/पेपर लीक कराने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने को नया कानून तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

Jun 9, 2024 - 04:47
यूपी में भर्ती परीक्षाओं में खेल नहीं कर सकेंगे सॉल्वर गैंग, तैयार हो रहा नया कानून
यूपी में भर्ती परीक्षाओं में खेल नहीं कर सकेंगे सॉल्वर गैंग, तैयार हो रहा नया कानून

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया तेज करने के लिए शनिवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में विभिन्न चयन आयोगों के अध्यक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की।

इस दौरान उन्होंने यूपी में सॉल्वर गैंग/पेपर लीक कराने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने को नया कानून तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपर लीक एवं सॉल्वर गैंग जैसी अराजक गतिविधियों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे अपराध में शामिल हर अपराधी के खिलाफ ऐसी कठोर कार्रवाई की जाए, जो नजीर बने।

ऐसे प्रकरणों में अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कठोर कानून लाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि चयन आयोगों से अपेक्षा है कि वे भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर समय से जारी करें और कड़ाई के साथ उसका अनुपालन करें। कैलेंडर के अनुसार, परीक्षा न होने से अभ्यर्थियों को असुविधा होती है, इसका ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी चयन आयोग परस्पर समन्वय के साथ यह सुनिश्चित करें कि एक दिन में एक ही परीक्षा आयोजित की जाए। ऐसा होने से एक ओर जहां परीक्षा आयोजकों/स्थानीय प्रशासन को व्यवस्था बनाने में आसानी होगी। वहीं युवाओं को भी बड़ी सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चयन परीक्षाओं के सेंटर के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज और साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले शैक्षिक संस्थान ही सेंटर बनाए जाएं। सेंटर वहीं होंगे, जहां सीसीटीवी की व्यवस्था होगी।

यह भी सुनिश्चित कराएं कि परीक्षा केंद्र नगरीय क्षेत्र में ही हों। परीक्षा केंद्र निर्धारण में महिलाओं और दिव्यांगों की अपेक्षाओं का ध्यान रखा जाए। यदि एडेड कॉलेज को सेंटर बनाया जाता है तो संबंधित प्रबंधक परीक्षा व्यवस्था में कहीं से भी सम्मिलित न हो। केंद्र व्यवस्थापक के रूप में दूसरे संस्थान के प्रधानाचार्य को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। जिलाधिकारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक को भी व्यवस्था से जोड़ें। गड़बड़ी हुई तो इनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक, प्राविधिक, व्यावसायिक आदि शिक्षण संस्थानों में शिक्षक चयन की प्रक्रिया में बड़ा सुधार करते हुए हाल ही में शिक्षा सेवा आयोग का गठन किया गया है। इसके सदस्य नामित किए जा चुके हैं, अध्यक्ष की नियुक्ति भी जल्द की जाएगी।

सीएम योगी ने कहा कि पेपर सेट करने की प्रक्रिया, उनकी छपाई, कोषागार तक पहुंचाने, कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की व्यवस्था, परीक्षा के बाद ओएमआर आयोग तक पहुंचाने, ओएमआर की स्कैनिंग, परिणाम तैयार करने समेत पूरी व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि हर पाली में दो या अधिक पेपर सेट जरूर होने चाहिए। प्रत्येक सेट के प्रश्न पत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी का माध्यम से कराई जानी चाहिए। पेपर कोडिंग को भी और व्यवस्थित करने की जरूरत है। तलाशी लेने के लिए महिला कर्मियों की तैनाती जरूर हो। गोपनीयता के दृष्टिगत चयन आयोगों को परीक्षा से पूर्व, परीक्षा के दौरान और परीक्षा के उपरांत शासन स्तर के शीर्ष अधिकारियों तथा एसटीएफ के संपर्क में रहना चाहिए।


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IANS डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ भारत अपडेट टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.