भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, सफलतापूर्वक पहुंचे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन

भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन के तहत 28 घंटे की सफल यात्रा कर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे। 40 साल बाद भारत ने अंतरिक्ष में रचा नया इतिहास। NASA और SpaceX के साथ ISRO का यह जॉइंट मिशन भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है।

Jun 26, 2025 - 21:03
भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, सफलतापूर्वक पहुंचे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन
bharat-ke-astronaut-shubhanshu-shukla-iss-mission-success

अंतरिक्ष में इतिहास रचने निकले भारत के अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला सफलतापूरक अपनी यात्रा पूरी करके इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुँच चुके हैं. शुभांशु शुक्ला अपने तीन अन्य साथियों के साथ ISS पहुंचे हैं. नासा की तरफ से जारी वीडियो में दिख रहा है कि ड्रैगन क्रू में सवार चारों अंतरिक्ष यात्री जैसे ही आईएसएस में पहुंचे, वहां पहले से मौजूद यात्रियों ने गले लाकर उनका स्वागत किया. सभी हंसते खिलखलाते नजर आए.

नासा ने जारी की ताज़ा तस्वीरें
भारत ने अंतरिक्ष की दिशा में बड़ा कदम सफलतापूर्वक ले लिया है. अंतरिक्ष की यात्रा पर निकले शुभांशु शुक्ला 28 घंटों की यात्रा करके आज स्पेस स्टेशन पहुंचे. वहां पहले से मौजूद अंतरिक्षयात्री साथियों ने चारों का स्वागत किया. नासा ने इन क्षणों के वीडियो और फोटो जारी किये. इस दौरान सभी ख़ुशी से हँसते खिलखिलाते नज़र आये. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में पहले से मौजूद अंतरिक्षयात्रियों ने नए साथियों का स्वागत वेलकम ड्रिंक के साथ किया. 

शुभांशु शुक्ला के रचा इतिहास 
भारत के लिए ये मिशन कई मायनों में अहम् है. भारत की तरफ से 40 साल बाद कोई अंतरिक्षयात्री अंतरिक्ष की यात्रा पर निकला है. इससे पहले साल 1984 में राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष का सफर तय किया था. भारत के पहले अंतरिक्षयात्री के रूप में अंतरिक्षयात्रा कर राकेश शर्मा ने इतिहास रचा था. राकेश शर्मा रूसी सैल्यूट स्पेस स्टेशन में गए थे. आपको बता दें कि उस समय अंतरिक्ष में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन मौजूद नहीं था. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का निर्माण उसके बाद हुआ है. 

भारत के लिए क्यों खास है ये मिशन?
Axiom-4 मिशन भारत के लिए कई मायनों में खास है. भारत के अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा पर निकले हैं. ये यात्रा ऐतिहासिक इसलिए है क्योंकि राकेश शर्मा के बाद पहली बार कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्रा पर जा रहा है. इसके साथ ही ये मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान केंद्र नाइ इसरो, नासा और एलन मस्क की कंपनी स्पेस X का जॉइंट मिशन है. इस मिशन के तहत यात्रियों को अंतरिक्ष तक लेकर जाने वाला रॉकेट फाल्कन 9 SpaceX का ही है. 
Axiom Space के अनुसार, Axiom-4 पर ISRO के रिसर्च अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए भारत के समर्पण का एक सबूत है. इसमें कहा गया है कि ये एक्सपेरिमेंट न केवल महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रगति का वादा करते हैं बल्कि अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को भी प्रेरित करेंगे.जैसे-जैसे भारत अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है, यह वैश्विक वैज्ञानिक प्रगति में योगदान देना जारी रख रहा है. इससे ऐसे भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो रहा है जहां मानवता हमारी धरती से परे भी फल-फूल सकती है.

शुभांशु के साथ अन्य साथी कौन?
Axiom-4 मिशन में भारत के लाल शुभांशु शुक्ला के साथ अन्य तीन अंतरिक्षयात्री भी शामिल हैं. मिशन पर भारत की स्पेस एजेंसी इसरो का प्रतिनिधित्व शुभांशु शुक्ला कर रहे हैं. शुभांशु बतौर पायलट इस मिशन में शामिल हुए हैं. Axiom-4 मिशन की कमांडर पैगी व्हिटसन हैं. वो अमेरिका से हैं और पैगी व्हिटसन नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं. वह अमेरिका की सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री मानी जाती हैं. पोलैंड से ईएसए अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी से टिबोर कापू इस मिशन पर स्पेशलिस्ट के रूप में शामिल हुए हैं. भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए ये मिशन लंबे समय के बाद मानव अंतरिक्ष यान की वापसी का प्रतीक है.

Axiom-4 भारत समेत पूरे विश्व के लिए खास है. बीते कई दिनों से इस मिशन को लॉन्च करने की कोशिशें जारी थीं, लेकिन हर बार किसी न किसी समस्या की वजह से ये मिशन टलता जा रहा था. कई मुश्किलों के बाद आज आख़िरकार इस मिशन को लॉन्च करने में सफलता मिली है. सफलतापूर्वक मिशन लॉन्च होने के बाद शुभांशु शुक्ला ने यात्रा शुरू करने के बाद अपने देश के लिए खास सन्देश भेजा.


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on Bharat Update. Follow Bharat Update on Facebook, Twitter.