Axiom-4 मिशन: शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा का 'शुभारंभ', भारत ने रचा नया इतिहास
भारत को अंतरिक्ष मिशन में आज ऐतिहासिक सफलता मिली है। शुभांशु शुक्ला, Axiom-4 मिशन के तहत स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से अंतरिक्ष की ऐतिहासिक यात्रा पर निकले हैं। वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे।

भारत को आज स्पेस मिशन में एक बड़ी सफलता मिली है. भारत के अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला अन्य तीन अंतरिक्षयात्री साथियों के साथ अपनीओ ऐतिहासिक अंतरिक्षयात्रा पर निकल चुके हैं. Axiom-4 मिशन पर निकले शुभांशु शुक्ला ने SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट से अपनी यात्रा शुरू की है. उन्हें स्पेस में पहुँचने में लगभग 28 घंटों का समय लगने वाला है. फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से Axiom-4 मिशन को लॉन्च किया गया. कई कोशिशों के बाद आज शुभांशु शुक्ला स्पेस की उड़ान भरने में सफल हुए. शुभांशु का ये यान गुरुवार, 26 जून को शाम के 4.30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर डॉक करेगा. ये नासा इसरो और स्पेस X का खास मिशन है. भारत के लिए ये मिशन कई मायनों में खास है. ऐसा पहली बार होगा जब कोई भारतीय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचेगा. शुभांशु से पहले ये कारनामा करने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे. शुभांशु अंतरिक्ष में पहुँचने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्षयात्री बन जायेंगे.
Axiom-4 मिशन
Axiom-4 मिशन कई मायनों में पूरे विश्व के लिए भी खास होने वाला है . ये नासा इसरो और स्पेस X का जॉइंट मिशन है जिसके तहत अंतरिक्ष में कई अहम् खोज और एक्सपेरमेंट्स किये जायेंगे. भारत की तरफ से शुभांशु शुक्ला इसरो और इस मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं. शुभांशु इस मिशन में बतौर पायलट गए हैं. इस मिशन के कमांडर नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन हैं. वह अमेरिका की सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं. पोलैंड से ईएसए अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी से टिबोर कापू इस मिशन पर स्पेशलिस्ट के रूप में शामिल हुए हैं. भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए ये मिशन लंबे समय के बाद मानव अंतरिक्ष यान की वापसी का प्रतीक है.
SS में 14 दिन और 60 एक्सपेरिमेंट
यह मिशन ISS पर लगभग 14 दिन तक चलेगा. Axiom-4 मिशन का चार सदस्यीय दल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 60 वैज्ञानिक प्रयोग (एक्सपेरिमेंट) करेगा, जिनमें से सात भारतीय शोधकर्ताओं (रिसर्चर) द्वारा प्रस्तावित किए गए हैं. Axiom-4 मिशन ISS यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए चौथा प्राइवेट अंतरिक्ष मिशन है. इसे नासा के साथ साझेदारी में ह्यूस्टन स्थित Axiom Space द्वारा भेजा जा रहा है.शुभांशु स्पेस में बीजों को मैक्रोबायोटिक परिस्थितियों में भी रखेंगे और उन्हें वापस धरती पर लाएंगे, जहां उन्हें पौधों में न केवल एक बार बल्कि कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा. शुक्ला ने कहा कि एक्सिओम मिशन 4 के अनुभव का उपयोग गगनयान मिशन में बहुत अच्छी तरह से किया जाएगा, जिसकी योजना 2027 के लिए बनाई गई है. इसरो एक्सिओम-4 मिशन पर 550 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है.
एक्स-4 मिशन स्पेसएक्स का 53वां ड्रैगन मिशन होगा. यह 15वां मानव अंतरिक्ष मिशन और 48वीं ISS यात्रा होगी. इस मिशन के लिए शुभांशु को स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस ने विशेष ट्रेनिंग दी है.इसमें लॉन्च के साथ-साथ शुभांशु शुक्ला और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग भी शामिल है. प्रशांत नायर भी गगनयान कार्यक्रम का हिस्सा हैं.