Delhi Coaching Centre Case : राउज एवेन्यू कोर्ट का बड़ा फैसला, बेसमेंट के सह-मालिकों की जमानत याचिका खारिज
कोचिंग सेंटर मौत मामला में राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका खारिज कर दी। बता दें कि आरोपी सरबजीत, हरविंदर, परविंदर और तेजिंदर को 28 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद आरोपियों ने नियमित जमानत की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।

नई दिल्ली : कोचिंग सेंटर मौत मामला में राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका खारिज कर दी। बता दें कि आरोपी सरबजीत, हरविंदर, परविंदर और तेजिंदर को 28 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद आरोपियों ने नियमित जमानत की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।
बता दें कि दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर में एक IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में पानी भरने से 27 जुलाई को तीन यूपीएससी उम्मीदवार की मौत हो गई थी। इनमें श्रेया यादव, नेविन डाल्विन और तान्या सोनी का नाम शामिल था।
कोर्ट ने कही ये बात
इस मामले पर प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि "जांच प्रारंभिक चरण में है। मैं उन्हें जमानत पर बढ़ाने के लिए इच्छुक नहीं हूं।" इसके साथ ही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बताया कि बेसमेंट कोचिंग के लिए नहीं था। तो क्या आपको जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।
वकीलों ने दी ये दलीलें
बता दें कि अदालत ने 17 अगस्त को जमानत याचिकाओं पर आदेश को सुरक्षित रखा था। इसके साथ ही सीबीआई के वकीलों ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि बेसमेंट एक कोचिंग संस्थान को दिया गया था। इसे स्टोरेज और परीक्षा हॉल के लिए दिया गया था।
वहीं दुसरी तरफ आरोपियों के वकील आमिर चड्ढा ने तर्क दिया कि यदि नियमों का उल्लंघन हुआ था, तो एमसीडी को कार्रवाई करनी चाहिए थी और इसे सील कर देना चाहिए था। आरोपी व्यक्ति को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि इस प्रकार की घटना हो सकती है। इसके साथ ही अपनी दलीलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए आमिर चड्ढा ने कहा कि उन पर धारा 105 बीएनएस लागू नहीं होती। उन्होंने तर्क दिया कि घटना के समय वे मौके पर मौजूद नहीं थे।
जज के सवालों का ये दिया जवाब
जब जज ने वकील आमिर चड्ढा से पूछा कि, "मृत्यु का निकटतम कारण क्या है?", तो उन्होंने जवाब दिया कि इसका कारण खराब जल निकासी नालियां हैं। आमिर चड्ढा ने कहा कि " घटना का वास्तविक कारण खराब तूफानी जल नालियां (SWDs) थीं। लेकिन सीबीआई ने एक बार भी इसका उल्लेख नहीं किया है। उच्च न्यायालय के आदेश में, यह उल्लेख किया गया है कि वास्तविक कारण खराब एसडब्ल्यूडी है।"
आमिर चड्ढा ने आगे पूछा कि "कोई सबूत नहीं है...तो किससे छेड़छाड़ की जाएगी? आरोपियों से जांच करने के लिए अब क्या बचा है।" इसपर पीड़ित के वकील अभिजीत आनंद ने तर्क दिया कि प्रमाण पत्र के बिना, आप व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए एक इमारत नहीं चला सकते ।
जब न्यायाधीश ने सीबीआई के वकील से पूछा तो सीबीआई के वकील ने दलील दी कि ज्ञान के अनुसार इस संपत्ति का इस्तेमाल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता। बेसमेंट का इस्तेमाल केवल भंडारण के लिए किया जा सकता है। यह उनकी जानकारी में था।
सीबीआई के सरकारी वकील ने अपनी दलील में कहा कि आरोपियों को जानकारी थी। उन्होंने आगे कहा कि जमीन पर सभी इमारतों ने अतिक्रमण कर लिया है। इसके साथ ही सीबीआई ने कहा कि बेसमेंट में 25 छात्र मौजूद थे। वहां, कोई और गंभीर घटना हो सकती थी।