सरबजोत सिंह का ओलंपिक डेब्यू: कांस्य पदक जीतने की प्रेरणादायक कहानी
हरियाणा के एक छोटे से गांव के निशानेबाज सरबजोत सिंह ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि उनके जीवन की एक लंबी और कठिन यात्रा का परिणाम है, जिसमें उनके पिता का समर्थन और परिवार की मेहनत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
नई दिल्ली : हरियाणा के एक छोटे से गांव के निशानेबाज सरबजोत सिंह ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि उनके जीवन की एक लंबी और कठिन यात्रा का परिणाम है, जिसमें उनके पिता का समर्थन और परिवार की मेहनत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
पिता की चुनौती और बेटे की जिद
सरबजोत ने अपने पिता जतिंदर सिंह को बताया कि वह फुटबॉल छोड़कर निशानेबाजी में करियर बनाना चाहते हैं। निशानेबाजी एक महंगा खेल था, और पिता के लिए इस खेल की लागत उठाना मुश्किल था। हालांकि, बेटे की लगातार जिद और मेहनत के आगे पिता ने हार मान ली और बेटे के सपनों को पूरा करने में जुट गए।
कड़ी मेहनत और समर्पण
सरबजोत का ओलंपिक तक का सफर आसान नहीं था। उन्हें कई बार निराशा का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में उन्होंने मनु भाकर के साथ मिलकर कांस्य पदक जीता। व्यक्तिगत स्पर्धा में उनकी असफलता के बावजूद, उन्होंने पेरिस ओलंपिक में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया और देश को गर्वित किया।
प्रशिक्षण की शुरुआत
सरबजोत की शूटिंग यात्रा अंबाला के एक गांव के स्कूल कैंप से शुरू हुई, जहाँ कोच शक्ति राणा ने उनका मार्गदर्शन किया। इसके बाद, उन्होंने अंबाला कैंट के शूटर्स टैरेस एकेडमी में कोच अभिषेक राणा से प्रशिक्षण प्राप्त किया। दिन-रात की मेहनत और सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने अपनी प्रतिभा को निखारा।
प्रमुख उपलब्धियां
- एशियाई खेल (2022): टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक और मिक्स्ड टीम स्पर्धा में रजत पदक।
- एशियाई चैंपियनशिप, कोरिया (2023): 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक और ओलंपिक 2024 कोटा।
- विश्व कप, भोपाल (2023): व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक।
- विश्व कप, बाकू (2023): मिक्स्ड टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक।
- जूनियर विश्व कप, सुहल (2022): टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक और व्यक्तिगत एवं मिक्स्ड टीम स्पर्धा में 2 रजत पदक।
- जूनियर विश्व चैंपियनशिप, लीमा (2021): टीम और मिक्स्ड टीम स्पर्धा में 2 स्वर्ण पदक।
सरबजोत सिंह की कहानी केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों की नहीं है, बल्कि यह समर्पण, कड़ी मेहनत और परिवार के समर्थन की प्रेरणादायक कहानी भी है। उनके इस असाधारण प्रयास ने उन्हें ओलंपिक में कांस्य पदक दिलाया और युवा खिलाड़ियों के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया।
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