उत्तर प्रदेश में विधानसभा सीट पर उपचुनाव, BJP के 40 उम्मीदवारों के नाम रेस में कौन होगा उपचुनाव में सबसे आगे !
जैसा की आप सभी जानते है उत्तर प्रदेश में 10 सीटो पर उपचुनाव होने जा रहे है जिसमें पक्ष और विपक्ष दोनो ही कड़ी मेहनत कर रहें है। इसी बीच में संगम नगरी प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट पर BJP के 40 उम्मीदवारों के नाम होने की आंशाका जताई जा रही है।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा सीट पर उपचुनाव, BJP के 40 उम्मीदवारों के नाम रेस में कौन होगा उपचुनाव में सबसे आगे!
जैसा कि आप सभी जानते हैं, उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं जिसमें पक्ष और विपक्ष दोनों ही कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसी बीच संगम नगरी प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट पर BJP के 40 उम्मीदवारों के नाम होने की संभावना जताई जा रही है। फूलपुर विधानसभा सीट पर यादव वोटरों की संख्या तकरीबन साठ हजार है। इसलिए कुछ नेता यहाँ से यादव उम्मीदवार उतारने की मांग कर रहे हैं। विधानसभा सीट पर बीजेपी की सीधी टक्कर समाजवादी पार्टी के साथ है।
दरअसल, आपको बताते चलें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा यहां तकरीबन दो हजार वोटों के मामूली अंतर से ही जीतने में कामयाब हो सकी थी, जबकि दो महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में उसे अठारह हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने के बाद बीजेपी ने उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पिछले हफ्ते काशी प्रांत की कार्य समिति की बैठक फूलपुर क्षेत्र में ही आयोजित कर यह संदेश दिया था कि इस सीट पर बीजेपी की जीत के लिए उनका पूरा फोकस है।
हालांकि समाजवादी पार्टी से लड़ाई से पहले पार्टी में फूलपुर सीट पर 40 दावेदारों के नाम सामने आ चुके हैं। आने वाले समय में इन सीटों की संख्या बढ़कर 50 भी हो सकती है। अब देखना ये होगा कि बीजेपी 10 सीटों पर होने वाले उपचुनावों पर किस तरह कार्य करेगी। इसी के साथ दावेदारों की बड़ी संख्या होने की वजह से पार्टी के सामने दिक्कत यह है कि किसी एक को टिकट मिलने पर बाकी दावेदार नाराज होकर घर बैठ सकते हैं और संगठन को उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। वैसे जातीय समीकरण के मद्देनजर पार्टी किसी ब्राह्मण या पटेल को टिकट देने का मन बना रही है। टिकट के सबसे ज्यादा दावेदार भी इन्हीं दो वर्गों से ही हैं। फूलपुर विधानसभा सीट पर यादव वोटर भी निर्णायक स्थिति में हैं। ऐसे में पार्टी के रणनीतिकार किसी यादव को मैदान में उतारकर विपक्षी वोट बैंक में सेंधमारी करने पर भी गंभीरता से विचार कर रहे हैं।