जम्मू और कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटा, नई सरकार के गठन का रास्ता साफ
जम्मू और कश्मीर से रविवार को राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया है, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना में कहा गया है
जम्मू और कश्मीर से रविवार को राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया है, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर के संबंध में 31 अक्टूबर 2019 का आदेश मुख्यमंत्री की नियुक्ति से तुरंत पहले निरस्त हो जाएगा।
सरकार गठन की तैयारी
हाल में हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने जीत हासिल की है और सरकार गठन की तैयारी चल रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्हें गठबंधन का नेता चुना गया है।
राष्ट्रपति शासन कब लगा
जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में औपचारिक रूप से विभाजित करने के बाद 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 को संसद ने पांच अगस्त 2019 को पारित किया था। संविधान के अनुच्छेद 370 को भी उसी दिन निरस्त कर दिया गया था। वैसे, 31 अक्टूबर 2019 से पहले भी जम्मू और कश्मीर केंद्रीय शासन के अधीन था, क्योंकि जून 2018 में भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने त्यागपत्र दे दिया था।
नई सरकार से उम्मीदें
नई सरकार से जम्मू-कश्मीर के लोगों को कई उम्मीदें हैं। स्थिरता, विकास और शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार भी नई सरकार को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है। उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में गठबंधन सरकार से लोगों को बेहतर भविष्य की उम्मीद है।
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